Perplexity AI Browser: क्या अब स्मार्टफोन में Google Chrome की जगह कोई नया ब्राउज़र आएगा? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाली कंपनी Perplexity AI ने अपना खुद का ब्राउज़र Comet तैयार कर लिया है. अब कंपनी चाहती है कि यह ब्राउज़र सीधे स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल होकर आए, ठीक उसी तरह जैसे आज के फोन्स में Google Chrome मिलता है.
Perplexity AI के CEO अरविंद श्रीनिवास ने एक इंटरव्यू में बताया कि कंपनी मोबाइल कंपनियों से बातचीत कर रही है ताकि Chrome की जगह उनके Comet ब्राउज़र को डिफॉल्ट ब्राउज़र के तौर पर सेट किया जा सके.
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Perplexity AI Browser
Comet क्या है और क्यों है खास? (Perplexity AI Browser)
Comet एक AI-इंटीग्रेटेड ब्राउज़र है, जो अभी सिर्फ कंप्यूटर पर उपलब्ध है और फिलहाल टेस्टिंग मोड में है. इसमें यूज़र्स ब्राउज़िंग के साथ-साथ AI टूल्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे अगर आप कोई वेबपेज पढ़ रहे हैं तो यह ब्राउज़र उसका सारांश दे सकता है, या आपके ईमेल-कैलेंडर से जुड़ी जानकारी निकालकर शेड्यूल भी बना सकता है.
यानी यह ब्राउज़र सिर्फ इंटरनेट सर्च के लिए नहीं, बल्कि स्मार्ट असिस्टेंट की तरह भी काम करता है.
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Perplexity का मकसद क्या है? (Perplexity AI Browser)
कंपनी चाहती है कि Comet को स्मार्टफोन में पहले से इंस्टॉल किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाएं. आमतौर पर यूजर्स वही ब्राउज़र इस्तेमाल करते हैं जो फोन में पहले से मौजूद होता है. इसी रणनीति से Google Chrome को भी काफी लोकप्रियता मिली थी.
हालांकि, श्रीनिवास का कहना है कि मोबाइल कंपनियों को Chrome की जगह Comet को सेट करने के लिए मनाना आसान नहीं है, लेकिन वो लगातार कोशिश कर रहे हैं.
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Google को मिलेगी टक्कर? (Perplexity AI Browser)
बाजार रिसर्च फर्म Statcounter के मुताबिक मोबाइल ब्राउज़र मार्केट में अभी Google Chrome का 70% से ज्यादा कब्जा है. वहीं Apple Safari और Samsung Internet को मिलाकर 24% का हिस्सा है. ऐसे में अगर Perplexity AI अपने ब्राउज़र को डिफॉल्ट बनवाने में सफल हो जाता है तो यह Google के लिए सीधी चुनौती बन सकती है.
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AI ब्राउज़र की दौड़ तेज (Perplexity AI Browser)
Perplexity अकेली कंपनी नहीं है जो AI-बेस्ड ब्राउज़र बना रही है. OpenAI भी अपना AI ब्राउज़र तैयार कर रही है, जो यूज़र के लिए ट्रैवल बुकिंग या फाइनेंशियल मैनेजमेंट जैसे काम खुद कर सकेगा.
इसके अलावा रिपोर्ट्स के मुताबिक, Perplexity Samsung और Apple के साथ भी बातचीत कर रही है ताकि उनकी AI तकनीक को Bixby या Siri जैसे वॉयस असिस्टेंट में जोड़ा जा सके.
आने वाले समय में जब स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल ब्राउज़र बदलेंगे, तो यह सिर्फ इंटरनेट सर्फिंग का ज़रिया नहीं होगा बल्कि एक पूरा डिजिटल सहायक बन जाएगा. Perplexity AI का Comet ब्राउज़र उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. अब देखना यह है कि क्या यह Google Chrome की बादशाहत को चुनौती दे पाएगा या नहीं.
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