रायपुर। आपातकाल के दौरान जेल में बंदी बनाए गए लोगों के लिए शुरू की गई सम्मान निधि को बंद कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के विरोध में बूढा़ पारा स्थित धरना स्थल पर प्रभावित लोग लोकतंत्र सेनानी संघ के तले धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है.

इस अवसर पर मौजूद भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि प्रदेश में आपातकाल के दौरान विभिन्न जिलों में रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव जिलों में राजनीतिक और सामाजिक कारणों से 1975 आपातकाल इंदिरा गांधी ने लगाकर सभी राजनीतिक दलों को एक प्रकार से प्रतिबंधित कर दिया था. 21 महीने का कालखंड देश में काला अध्याय था और उस दौर में जिन्होंने सड़कों पर निकलकर सत्याग्रह कर विरोध किया, उन्हें जेल में डाल दिया गया था.

लेकिन 1977 के चुनाव में कांग्रेस पराजित हो गई. लोकतंत्र की विजय हुई. लोकतंत्र की इस लड़ाई में जेल जाने वालों को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र ने सम्मान निधि से नवाजा. इस सरकार ने छत्तीसगढ़ में सत्ता सम्हालते ही सबसे पहला काम आपातकाल के दौरान जेल जानों वालों से सम्मान निधि छीन ली. उस पर एक प्रकार का डाका डाल दिया. उस सम्मान को छिनने का अधिकार किसी भी सरकार को नहीं है, लेकिन इस सरकार ने उस सारे नियम को तोड़ते हुए फिर एक बार लोकतंत्र की हत्या की है, और तानाशाही का राज कायम किया है.