अजयारविंद नामदेव, शहडोल। बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अदालत से बड़ी राहत मिली है। शहडोल न्यायालय ने उनके खिलाफ दायर धार्मिक भावनाएं भड़काने और आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़े परिवाद को प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित न होने पर खारिज कर दिया।
यह भी पढ़ें: पैसों के लालच में बांट रहे मौत! दसवीं पास बच्चे संभाल रहे मेडिकल स्टोर, फार्मासिस्ट लापता, क्या छिंदवाड़ा जैसी घटना का इंतजार?
संदीप तिवारी ने परिवाद दायर किया था जिसमें आरोप लगाया था कि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान शास्त्री ने कहा ‘जो महाकुंभ में नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।’ परिवादी ने इसे असंवैधानिक, आपत्तिजनक और भड़काऊ बताते हुए भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 196, 197(2), 299, 352, 353 और आईटी एक्ट की धारा 66A, 67 के तहत कार्रवाई की मांग की थी।

यह भी पढ़ें: लव जिहाद पर कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान, कहा- हर चीज के लिए कानून बनाना जरुरी नहीं
न्यायिक मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की अदालत ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता समीर अग्रवाल ने कहा कि सभी कथन धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवचन की मर्यादा में थे। न तो किसी वर्ग या व्यक्ति का अपमान हुआ, न किसी को उकसाया गया। अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि परिवाद में कोई ठोस प्रमाण नहीं है और धीरेंद्र शास्त्री के विरुद्ध संज्ञान लेने से इंकार करते हुए परिवाद निरस्त कर दिया।
फैसले के बाद अधिवक्ता समीर अग्रवाल ने कहा कि अदालत का निर्णय दर्शाता है कि अफवाहों और गलत व्याख्या के आधार पर किसी की छवि को धूमिल नहीं किया जा सकता। सत्य की जीत हुई है।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें