कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश में पटवारी सहित शिक्षक और वन कर्मी परीक्षा में धांधली को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इन सभी नियुक्तियों में तथाकथित फर्जी रूप से बनाए गए विकलांग सर्टिफिकेट को लेकर याचिका लगाई गई है.

एडवोकेट उमेश कुमार बोहरे ने दायर की जनहित याचिका में मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा में सीएमएचओ कार्यालय मुरैना पर बनाए गए विकलांग सर्टिफिकेट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि साल 2003 से 2023 तक जारी सभी विकलांग सर्टिफिकेट का पूरा रिकॉर्ड जब्त करने की याचिका में मांग की गई है. सीएमएचओ कार्यालय मुरैना, भिंड और ग्वालियर से जारी विकलांग सर्टिफिकेट और उसके आधार पर नौकरी पाने वाले लोगों के सर्टिफिकेट का भौतिक सत्यापन करने के साथ सीबीआई से इंक्वायरी कराए जाने की भी मांग की गई है.

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याचिका में इस बिंदु को भी प्रमुखता से उठाया गया है कि सीएमएचओ कार्यालय मुरैना में कान और आंखों से संबंधित विकलांगता के बारे में पटवारी सहित शिक्षा विभाग और वन कर्मी की परीक्षा में आवेदकों को तथाकथित फर्जी रूप से विकलांग प्रमाण पत्र जारी किए हैं. इसमें करोड़ों रुपए का लेनदेन भी हुआ है. जिससे हज़ारों आवेदकों का अहित हुआ है. नियुक्तियों में भी भ्रष्टाचार होने का मामला याचिका में उजागर किया गया है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की गुहार लगाई है.

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