दिल्ली. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और चंडीगढ़ समेत उत्तर भारत के आधा दर्जन राज्य अपने यहां पेट्रोल व डीजल की एक समान दरें करने पर सहमत हो गए हैं. इसके लिए सभी छह राज्य अपने-अपने प्रदेश में वैट की दरें कम करेंगे, ताकि पेट्रोल व डीजल के दाम कम हो सकें.
हरियाणा की मेजबानी में हुई इन राज्यों के वित्त मंत्रियों तथा अधिकारियों की बैठक में सभी छह राज्यों की आबकारी नीति, ट्रांसपोर्ट परमिट और गाड़ियों के पंजीकरण से जुड़े टैक्स में भी एकरूपता लाने पर सहमति बनी है. इन तमाम मुद्दों पर अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया गया है, जो अगले दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर न केवल पेट्रोल व डीजल पर वैट की दरें घटाई जाएंगी, बल्कि आबकारी नीति, ट्रांसपोर्ट परमिट और गाडिय़ों के पंजीकरण के टैक्स भी एक समान होंगे. इसका फायदा यह होगा कि किसी भी प्रदेश में टैक्स की चोरी नहीं होगी तथा लोगों को समान रूप से लाभ मिलेंगे.
चंडीगढ़ में आयोजित बैठक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भागीदारी की, जबकि उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ ने अपने प्रतिनिधियों के रूप में आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को बैठक में भेजा.
बैठक के बाद हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि उत्तर भारत के पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में तेल पर लगने वाले वैट में एकरूपता लाने पर सहमति बनी है. जिस तरह से मई 2015 में इन प्रदेशों ने आम सहमति बनाकर वैट की दरें लगभग एक समान कर जनता को राहत दी थी, उसी तर्ज पर फिर से काम होगा. अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद सभी राज्य सरकारें तेल पर लगने वाले वैट की दरें घटाने पर निर्णय लेंगी, ताकि राज्यों में पेट्रोल व डीजल के रेट एक समान हो सकें. सभी राज्य अधिकारियों की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद अमल करने को सहमत हो गए हैं.