दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने लगभग 13 साल के अंतराल के बाद पेट्रोल, CNG और डीजल वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाण पत्र के शुल्क में वृद्धि की है. यह बढ़ोतरी 20 से 40 रुपये के बीच है. ‘दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा कि यह बढ़ोतरी परिचालन लागत को पूरा करने के लिए ‘‘अव्यावहारिक’’ है.
संगठन शुक्रवार को अपनी प्रबंधन समिति की बैठक करेगा और 15 जुलाई से लगभग 500 PUC प्रमाणपत्र जारी करने वाले केंद्र बंद कर दिए जाएंगे.
मंत्री कैलाश गहलोत ने एक बयान में कहा कि 2 और 3 पहिया वाहनों के PUC प्रमाणपत्र के लिए शुल्क 60 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये और 4 पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये से बढ़ाकर 110 रुपये कर दिया गया है. डीजल वाहनों के लिए PUC शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 140 रुपये कर दिया गया है. सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाते ही नई दरें प्रभावी हो जाएंगी.
सरकार प्रदूषण को लेकर गंभीर नहीं: सिंघानिया
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा, ‘‘20 और 30 रुपये की बढ़ोतरी कुछ भी नहीं है. परिचालन लागत बढ़ गई है और ऐसा लगता है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है. हमने मांग की थी कि शुल्क बढ़ाते समय महंगाई को ध्यान में रखा जाना चाहिए.’’
‘‘एसोसिएशन के अनुरोध और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 2011 से प्रदूषण जांच दरों में बदलाव नहीं किया है, दिल्ली सरकार ने दिल्ली में वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए दरें बढ़ाने की घोषणा की है.’’ उन्होंने कहा कि यह संशोधन आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदूषण जांच केंद्र कुशलतापूर्वक काम करना जारी रखें और जनता को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर सकें.
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