चंडीगढ़। पंजाब में 30 लाख से अधिक लोग एक या अन्य किसी प्रकार के नशे का सेवन करते हैं, जिनमें मुख्य रूप से पुरुषों की संख्या अधिक है. राज्य में शराब का सेवन करने वाले लोगों की संख्या 20 लाख से अधिक है. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) के एक अध्ययन में सोमवार को कहा गया है कि पंजाब में सबसे अधिक शराब का नशा करने वाले लोग हैं, जिनकी संख्या 20 लाख से अधिक है, जबकि 15 लाख से अधिक लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. इसके अलावा प्रदेश में 1.7 लाख व्यक्ति अफीम का नशा करते हैं और इसके बाद गांजा यानी कैनबिस का नशा किया जाता है.

बड़ी संख्या में इंजेक्शन लगाने वाले ड्रग्स यूजर्स भी

हाल के सर्वेक्षण में कहा गया है कि पंजाब में एचआईवी के उच्च प्रसार (19.5 प्रतिशत) के साथ बड़ी संख्या में इंजेक्शन लगाने वाले ड्रग्स यूजर्स भी हैं. हालिया अध्ययन ‘पंजाब में मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम और नियंत्रण के लिए रोडमैप’ के दूसरे संस्करण में प्रकाशित हुआ है. पीजीआईएमईआर में सामुदायिक चिकित्सा के प्रोफेसर जेएस ठाकुर द्वारा संपादित इस अध्ययन को पीजीआईएमईआर के निदेशक सुरजीत सिंह और निदेशक (स्वास्थ्य सेवा) जीबी सिंह की मौजूदगी में पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने रिलीज किया है.

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रिपोर्ट में देश और पंजाब में मादक पदार्थो के सेवन और लोगों द्वारा किए जा रहे दुरुपयोग से लेकर विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए रणनीति का भी उल्लेख है. इसके साथ ही इसमें नशे की रोकथाम के लिए एक पर्याप्त योजना और इसके कार्यान्वयन के बारे में भी जानकारी शामिल की गई है. पंजाब राज्य घरेलू सर्वेक्षण (एसपीएचएस) और पीजीआईएमईआर द्वारा राज्यव्यापी एनसीडी एसटीईपी या स्टेप सर्वेक्षण के अनुसार, पंजाब में कुल मिलाकर नशीले पदार्थ के उपयोग की अनुमानित संख्या 15.4 प्रतिशत है. पुस्तक सरल रूप में है, जिसे तकनीकी रूप के साथ ही आम आदमी भी आसानी से समझ सकता है.

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प्रोफेसर जेएस ठाकुर ने कहा कि पुस्तक ने पंजाब के विभिन्न हिस्सों से कुछ दिलचस्प केस स्टडी को शामिल किया है. इसने स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में जीवन कौशल शिक्षा की शुरुआत की वकालत की है. यह शैक्षणिक संस्थानों में सहकर्मी समूह दृष्टिकोण पर भी जोर देती है, जो किशोरों और युवाओं को प्रेरित करने का एक प्रभावी तरीका है. चूंकि रोकथाम पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जीवन-चक्र दृष्टिकोण (लाइफ-सायकल अप्रोच) वास्तव में हर आयु वर्ग के व्यक्तियों को पूरा करता है. राज्यपाल ने ऐसी सामाजिक बुराई और खतरों से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण की भूमिका की सराहना की. उन्होंने इस रिपोर्ट का समर्थन किया, क्योंकि रोकथाम हर तरह से इलाज से बेहतर है.