दिल्ली. ब्रिटेन ने पीएचडी-लेवल के वर्क वीजा जारी करने की संख्या असीमित करने का फैसला लिया है। ब्रिटेन सरकार की इस नई योजना से भारतीय पेशेवर लाभान्वित होने वाला सबसे बड़ा समूह होगा।

ब्रिटेन के चांसलर फिलिप हैमोंड ने बजट अपडेट में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘इस साल के अंत से उच्च शिक्षित लोगों के ब्रिटेन आने की संख्या कुछ शर्तों के साथ असीमित होगी। वे ब्रिटेन में काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।’

हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारी योजना का उद्देश्य ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को बदलने वाली प्रौद्योगिकी क्रांति को समर्थन देना है।

इस साल के अंत से पीएचडी-लेवल व्यवसायों को टीयर-2 (सामान्य) की उच्चतम सीमा से छूट दे दी जाएगी और उसी समय सरकार 180 दिन की अनुपस्थिति पर आव्रजन नियमों को अपडेट करेगी। इसका उद्देश्य यह होगा कि ब्रिटेन में बसने के लिए आवेदन करने वाले शोधकर्ताओं को विदेश में फील्डवर्क करने पर दंडित नहीं किया जाए।

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, टीयर-2 (सामान्य) श्रेणी के भीतर अत्यधिक कुशल पेशेवरों का सबसे बड़ा हिस्सा भारतीयों का है। 2018 में दिए गए ऐसे सभी वीजा का 54 फीसदी हिस्सा भारतीयों पेशेवरों का रहा। इतना ही नहीं भारतीयों ने 2017 के मुकाबले 2018 में 6 फीसदी की दर से करीब 3023 अतिरिक्त वीजा अपने नाम किए।

सरकार की पीएचडी-लेवल वीजा छूट का ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों ने स्वागत किया है, जो अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के प्रमुख नियोक्ता हैं। ब्रिटेन के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए मुख्य प्रतिनिधि निकाय यूनिवर्सिटीज यूके इंटरनेशनल के निदेशक विविएन स्टर्न ने कहा, ‘यह भारतीय शोधकर्ताओं के लिए शानदार खबर है, जो ब्रिटेन में काम करना चाहते हैं। यह ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के लिए भी अच्छी खबर है जो दुनिया भर के टॉप माइंड लोगों की विविधता को एक साथ लाने पर जोर देते रहे हैं।’

वर्तमान में वीजा प्रणाली के टीयर-2 कुशल श्रमिक अनुभाग के तहत हर साल सीमित संख्या में वीजा जारी किए जाते हैं। 2021 में कुशल श्रमिकों के लिए नई आव्रजन प्रणाली लागू होनी है, ऐसे में सरकार की इस घोषणा को वीजा पर सीमा को पूरी तरह से हटाने की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है।