रायपुर. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के 19 फरवरी को विधानसभा में मीडिया के समक्ष दिए गए बयान को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव विकास तिवारी ने भ्रम फैलाने वाला और जनता को गुमराह करने वाला बताया है.

मोबाइल टेपिंग की प्रक्रिया के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा था कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुमति दिए जाने के पश्चात ही मोबाइल टेपिंग संभव है, और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड स्वयं के फोन टेप करने की अनुमति दे सकते थे. यह बयान को विकास तिवारी ने हास्यास्पद बताते हुए कहा कि दुर्भाग्यजनक है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को स्वयं वस्तुस्थिति की जानकारी नहीं है.

फोन टेपिंग की अनुमति देने का अधिकार राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति को है, ना की मुख्य सचिव की है. इसके अतिरिक्त कुछ मोबाइल टेपिंग हेतु आदेश सीधे रमन सिंह के प्रिय अधिकारी मुकेश गुप्ता धड़ल्ले से जारी करते थे. आईजी रेंक के अधिकारी को अति आवश्यक समय में सात दिनों के लिये फोन टेपिंग के लिये मोबाइल कंपनी को आदेशित करने का अधिकार है. सात दिन में अगर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह का अनुमोदन नहीं मिलने से फोन टेपिंग बंद कर देना चाहिये, जबकि मुकेश गुप्ता ने महीनों तक बिना किसी भी अनुमति के फोन टेपिंग किया था.