नई दिल्ली। दिल्ली परिवहन विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर वाहन ऋण प्रदाता बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को 31 अक्टूबर तक वाहन पोर्टल के साथ अपनी वाहन लोन सम्बन्धी सेवाओं को एकीकृत करने का निर्देश दिया है. इस सर्कुलर के बाद बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से हाइपोथीकेशन समाप्ति के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के वाहन प्लेटफॉर्म पर केवल डिजिटल प्रारूप में ही हासिल किया जा सकेगा.

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हाइपोथीकेशन सेवाएं जिनमें व्हीकल लोन पर हाइपोथीकेशन जोड़ना, जारी रखना और समाप्त करना शामिल है. इस साल अगस्त में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा शुरू की गई ‘फेसलेस सर्विसेज’ के तहत परिवहन विभाग की सबसे अधिक इस्तेमाल सेवाओं में से एक है. सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इसके अंतर्गत लाने के लिए 15 नवंबर को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली में वाहनों पर लोन की पेशकश करने वाले सभी प्रमुख बैंकों के साथ इस संबंध में एक बैठक बुलाई थी.

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बैठक में राज्य स्तरीय अग्रणी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों ने भाग लिया था. बैठक में निर्णय लिया गया था कि सभी बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपने वाहन ऋण डेटा को NIC वाहन सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत करना सुनिश्चित करेंगे. HDFC और ICICI बैंक पहले ही वाहन पोर्टल के साथ अपने ऋण संबंधी डेटा को एकीकृत कर चुके हैं.
NOC के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं

दिल्ली परिवहन विभाग के इस आदेश से आम जनता को अब एनओसी के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है, वे दिल्ली सरकार की फेसलेस सर्विसेज के तहत परिवहन विभाग की वेबसाइट पर सीधे हाइपोथीकेशन हटाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इससे पहले ऋण लौटाने के बाद आवेदक को हाइपोथीकेशन की समाप्ति के लिए आवेदन करना होता था और 90 दिनों के भीतर बैंक से फॉर्म 35 और NOC जमा करना होता था.

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सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि 1 नवंबर 2021 से वे बैंक या वित्तीय संस्थान जो वाहन पोर्टल के साथ डेटा को एकीकृत करने में विफल रहते हैं, उन्हें परिवहन विभाग के डेटाबेस में हाइपोथीकेशन के अपने डेटा को दर्ज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा सर्कुलर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश देता है कि वे वाहन मालिक से NOC जारी करने के किसी भी अनुरोध की प्रतीक्षा नहीं करें, बल्कि ऋणी द्वारा कर्ज चुकाने के तुरंत बाद खुद ही परिवहन विभाग के साथ सभी वाहनों का डेटा साझा करें.

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नवंबर की शुरुआत से किसी भी वित्तीय संस्थान से वाहन ऋण लेने वाले किसी भी आवेदक को बैंक जाने या भौतिक रूप से कोई दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी. अगर कोई कर्ज लेता है या उसका भुगतान कर देता है, तो डेटा सीधे बैंक द्वारा वाहन डेटाबेस में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जो विभाग को एचपीटी सेवा को सत्यापित और अनुमोदित करने में सक्षम करेगा.

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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक बयान में कहा कि “हमने पिछले महीने हाइपोथीकेशन हटाने की अनुमति के लिए सभी बैंकों को अपने डेटा वाहन पोर्टल के साथ एकीकृत करने के लिए कहा था और मुझे यह देखकर खुशी हुई कि इस प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है और लगभग पूरी हो गई है. यह एक बड़ा कदम है, जो हम पूरी तरह से फेसलेस होने की दिशा में उठा रहे हैं और न केवल हमारे RTO, बल्कि परिवहन विभाग द्वारा सेवाओं के वितरण में शामिल किसी भी स्थान पर लंबी कतारें अब देखने को नहीं मिलेंगी“.