भोपाल। Pithampur Protest: पीथमपुर में देर शाम हुए हंगामे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देर रात बड़ी बैठक बुलाई। सीएम ने जनता से अपील की है कि उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में यूनियन कार्बाइड के कचरे का परिवहन पीथमपुर में किया गया है। उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में यूनियन कार्बाइड के कचरे का परिवहन पीथमपुर में किया गया है। जन भावनाओं का आदर करते हुए हाईकोर्ट के सामने समस्त परिस्थितियों और व्यावहारिक कठिनाइयों के बारे में अवगत कराया जाएगा।

सीएम ने जनता से की अपील

सीएम डॉ. मोहन यादव ने यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन के संबंध में जनता से किसी भी भ्रामक खबर से बचने की अपील है। सीएम ने कहा कि “हमारी सरकार जनकल्याणकारी, जनहितैषी तथा जनभावनाओं का आदर करती है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में यूनियन कार्बाइड के कचरे का परिवहन पीथमपुर में किया गया है। जनभावनाओं का आदर करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष समस्त परिस्थितियों एवं व्यावहारिक कठिनाइयों के बारे में अवगत कराया जाएगा। मैं जनता से अपील करता हूं कि किसी भी अफवाह या भ्रम की खबरों पर विश्वास नहीं करे। मैं और मेरी सरकार आपके साथ है।”

डिप्टी सीएम समेत मंत्री रहे शामिल

इस बैठक में प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल के साथ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, धार विधायक नीना वर्मा, मुख्य सचिव समेत उच्च अधिकारी मौजूद थे।

देर शाम पुलिस पर हुआ था पथराव

बता दें कि कल पीथमपुर सेक्टर-1 में यूनियन कार्बाइड के कचरे विरोध को लेकर सुबह से ही स्थिति तनावपूर्ण रही। देर शाम जब पुलिस बल धन्नड क्षेत्र के राऊ पीथमपुर मार्ग पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने पहुंची तो उन्होंने पुलिस बल पर पथराव कर दिया जिसमें कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए। जबकि ASP बाल-बाल बच गए। लेकिन पुलिस की तरफ से कोई लाठी चार्ज नहीं किया गया। हालांकि कुछ देर बाद स्थिति काबू में हो गई।

भोपाल से 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर में नष्ट होगा जहरीला कचरा

बता दें कि दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदी और भोपाल को कभी ना भूलने वाला जख्म देने वाली यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में सालों से जहरीला कचरा रखा था। यूनियन कार्बाइड (यूका) फैक्ट्री के गोदाम में रखे 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को भोपाल से 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर ले जाया गया है जहां इसे नष्ट किया जाएगा। हालांकि इंदौर और पीथमपुर में कचरे के नष्टीकरण को लेकर काफी विरोध भी हो रहा है।

फैक्ट्री में मौजूद था 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा

फैक्ट्री में करीब 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा मौजूद था, जिसमें सीवन नाम का वो कीटनाशक भी है, जिसका उत्पादन भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में होता था। इसके अलावा जिस एमआईसी गैस के लीक होने से हजारों लोगों की मौत हुई थी, वो नेफ्थॉल से बनाई जाती थी।

भोपाल गैस कांड के 40 साल

गौरतलब है कि 2 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस कांड हुआ था। रात 8:30 बजे से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा धीरे धीरे जहरीली होनी शुरू हो गई थी। जैसे-जैसे रात बीती, वैसे-वैसे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ इकट्ठा होने लगी। सुबह तक तो राजधानी कब्रिस्तान में तब्दील हो गई। इस त्रासदी की गिनती सबसे खतरनाक औद्योगिक दुर्घटना में होती है। इसमें न जाने कितनों की जानें गई, कितने अपंग हो गए।

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