गयाजी। हर साल की तरह इस वर्ष भी गयाजी में 6 सितंबर से पितृपक्ष मेला की शुरुआत हो रही है। इस 17 दिन के महाकुंभ में देश-विदेश से लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना को लेकर यह आयोजन हर साल खास बनता है। श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाओं के साथ गयाजी में इस बार एक ऐतिहासिक मेला आयोजित किया जा रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता इंतजाम
इस मेला में श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। विशेष टेंट सिटी बनाई गई है जो 10 सुपर मार्केट से टैग की गई है। श्रद्धालु अपनी जरूरत का सामान इन बाजारों से आसानी से खरीद सकते हैं। साथ ही मेला क्षेत्र में ढाबे, होटल और रेस्टोरेंट की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। पंडा धर्मशालाओं में श्रद्धालु खुद पकवान बना सकते हैं और फ्री भोजन का भी इंतजाम किया गया है।
पिंडदान की सुविधाएं और विशेष पैकेज
पितृपक्ष मेला में श्रद्धालुओं के लिए पिंडदान की सुविधा भी पुख्ता की गई है। 54 वेदी स्थलों पर वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं जहां एक बार में 20-25 हजार श्रद्धालु पिंडदान कर सकते हैं। हर घाट पर पानी, रोशनी, चिकित्सा और पुलिस की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही विदेशी श्रद्धालुओं के लिए गाइड और अनुवादक भी तैनात किए जाएंगे।
विशेष ई-पिंडदान पैकेज भी उपलब्ध
विशेष ई-पिंडदान पैकेज भी उपलब्ध है, जिसकी कीमत 24,000 रुपये है। इस पैकेज में पूजा सामग्री, दान वस्त्र, दक्षिणा और भोजन शामिल हैं। श्रद्धालु इसके अलावा होटल और पिंडदान पैकेज ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं इसके लिए एक विशेष वेबसाइट और पिंडदान गया मोबाइल एप भी उपलब्ध है।
यात्रा के लिए आसान साधन
गयाजी में पितृपक्ष मेला तक पहुंचने के लिए रेल, हवाई और बस सेवा की अच्छी व्यवस्था की गई है। गयाजी एयरपोर्ट से दिल्ली और कोलकाता के लिए रोज 2-2 फ्लाइट्स उपलब्ध हैं। वहीं हर राज्य से गयाजी के लिए सीधी ट्रेनें चलती हैं और पटना से 6 पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें रोज चलती हैं। इसके अलावा झारखंड और बंगाल से निजी बसें भी गयाजी के लिए आती हैं। सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालु एनएच-2 से डोभी या शेरघाटी से गयाजी पहुंच सकते हैं जहां वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था
पितृपक्ष मेले में सुरक्षा की दृष्टि से 6000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, अश्व पुलिस, बीएसएफ, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ भी मेले में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। पूरे मेले को 43 जोन और 339 सेक्टर में बांटा गया है, और ड्रोन व वॉच टावर से निगरानी की जाएगी।
स्वास्थ्य सेवा के लिए 102 स्वास्थ्य शिविर और 80 हेल्थ सेंटर बनाए गए हैं। प्रमुख वेदी स्थलों पर 2 डॉक्टर, नर्स और वार्ड बॉय की तैनाती की गई है। बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए फ्री ई-रिक्शा की भी व्यवस्था की गई है।
भव्य महाआरती का आयोजन
पर्यटन विभाग की ओर से हर शाम फल्गु नदी के तट पर भव्य महाआरती का आयोजन किया जाएगा जो श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होगा। यह आयोजन 17 दिनों तक जारी रहेगा, जिससे श्रद्धालु अपने पितरों को श्रद्धा और आस्था से श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे।
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