Pitru Paksha 2025: आज से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. हर साल की तरह इस बार भी यह काल श्रद्धालुओं को अपने पितरों का स्मरण और तर्पण करने का अवसर देता है. पहले दिन यानी 7 सितंबर को पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध मनाया जा रहा है.
Also Read This: Chandra Grahan 2025: साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज, जानिए कब लगेगा सूतक काल…

सूतक लगने पर कुछ चीजें हो जाती हैं निषेध (Pitru Paksha 2025)
मगर इस बार स्थिति कुछ अलग है. क्योंकि आज ही पूर्ण चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है, जिसका सूतक मध्यरात्रि 09:57 बजे शुरू होकर 08 सितंबर की मध्यरात्रि 1:26 बजे तक रहेगा. शास्त्रों के अनुसार सूतक लगते ही किसी भी प्रकार का भोजन, दान या पूजन कार्य निषिद्ध हो जाता है. यही कारण है कि श्रद्धालुओं के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. श्राद्ध आज ही करना है, लेकिन ब्राह्मण भोजन कैसे कराया जाए?
Also Read This: Chandra Grahan 2025: चंद्रग्रहण आज; दोपहर आरती के बाद देश के सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे, काशी विश्वनाथ- महाकाल में रात 8 बजे तक पूजन; जानिए प्रमुख मंदिरों के बंद और खुलने की टाइमिंग
इस विकल्प को भी अपनाया जा सकता है (Pitru Paksha 2025)
धर्माचार्यों का कहना है कि पितृपक्ष का मूल तत्व तर्पण और पिंडदान है. इसे ग्रहण के सूतक लगने से पहले सम्पन्न करना चाहिए. यदि भोजन ग्रहण के कारण समय पर न हो पाए, तो इसे लेकर भ्रमित होने की जरूरत नहीं है. शास्त्रों में व्यवस्था दी गई है कि ब्राह्मण भोज ग्रहण समाप्ति के बाद भी कराया जा सकता है. इससे श्राद्ध की शुद्धता और पितरों की तृप्ति पर कोई असर नहीं पड़ता.
पंडितों का मानना है कि श्राद्ध पक्ष केवल कर्मकांड नहीं है, बल्कि यह पितरों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है. इसलिए श्रद्धालुओं को चाहिए कि तर्पण और पिंडदान के साथ-साथ जरूरतमंदों की सेवा और दान कार्य भी अवश्य करें.
Also Read This: Chandra Grahan 2025: इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज, जानिए क्या करें और क्या नहीं
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें