रायपुर। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए जिस कृषि विधेयक पर कांग्रेस देश भर में विरोध जता रही है. कांग्रेस पार्टी से निकाले गए संजय झा ने इस मसले पर ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में एपीएमसी अधिनियम को समाप्त करने और कृषि उपज को प्रतिबंधों से मुक्त बनाने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस एकमत है. संजय झा के इन आरोपों को पीएल पुनिया ने खारिज करते हुए कपिल सिब्बल के वीडियो की मैनिपुलेशन होने की आशंका जाहिर की है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने वीडियो प्रेसवार्ता में कहा कि बीजेपी दुष्प्रचार कर रही है. ऐसा लगता है संजय झा भी इसी में सम्मिलित हो गए हैं. उनको जहां जाना है जाएं, हमारे यहां से उनकी छुट्टी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हमने 2019 में घोषणा पत्र में यह लिखा था कि अभी एक मंडी औसतन 450 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करती है. हमने यह कहा था की इस व्यवस्था को खत्मकर हम हर बड़े गांव में एक किसान बाजार की व्यवस्था करेंगे. जिससे पूरा इन्फ्रास्टकचर होगा. इसका विकल्प भी हमने दिया था हमने किसानों को कॉर्पोरेट घरानों के हवाले नहीं कर दिया था.

पुनिया ने आगे कहा कि हमने मंडी की एक अलग से व्यवस्था करने की बात कही थी. दूसरा हमने यह भी कहा था कि एक ऐसा आयोग बनेगा जिसमें किसानों का प्रतिनिधित्व होगा. इसका जो रिकमेंडेशन होगा मिनिमम सपोर्ट प्राइस की वह सरकार के ऊपर होगा. स्वामीनाथन के हिसाब से सीटू फार्मूला जिसमें ट्रैवलिंग लेबर और जमीन का किराया सम्मिलित करते हुए जो कॉस्ट आएगा, उसके आधार पर एपीएमसी निर्धारित किया जाएगा. एग्रीकल्चर कमीशन बनेगा, उसमें किसानों की भागीदारी होगी. वो सदस्य के रूप में होंगे.

बता दें कि जिस कृषि बिल पर कांग्रेस आज हंगामा कर रही है, इसे लेकर सड़क से संसद तक हंगामा बरपा रही है. 4 दिसंबर 2012 का सदन का एक वीडियो वायरल हो रहा जिसमें कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल खुद किसान बिल के बारे में पूरे सदन को बता रहे हैं. बीजेपी विपक्ष में है और तत्कालीन सत्ता पक्ष की पार्टी कांग्रेस कृषि बिल को किसान हित का बता रही है. खुद कपिल सिब्ब्ल कह रहे हैं कि इस बिल से बिचौलियों का काम खत्म होगा. किसान अपनी फसल बेचने के लिए फ्री रहेंगे.