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रायपुर. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया के पत्र के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों का ट्रांसफर किए जाने का मामला गरमाया हुआ है. पुनिया के पत्र के बाद अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है. दरअसल इन सभी अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए पुनिया ने पत्र लिखा था. उसमें कहा गया था कि सरकार बनने के तुरंत बाद से ही शिक्षा विभाग के बारे में निरंतर शिकायतें मिल रही हैं. भाजपा शासन में जो अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्ट रहे हैं, उन्हें शिक्षा विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों दी हुई है. इस मामले में हस्तक्षेप कर स्थिति में सुधार लाने का कष्ट करें.
इस पत्र के बाद शिक्षा विभाग ने रायपुर के शासकीय जयनारायण पाण्डेय स्कूल के प्राचार्य एमआर सावंत का स्थानांतरण कर दिया. सावंत पिछले 10 साल से एक ही स्कूल में पदस्थ थे. इसी तरह एक और अफसर आरएन सिंह को भी संचालनालय से हटाकर एससीईआरटी में भेजा गया है.
सरकार बदलने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के कई अफसरों को हटाने की मांग होती रही है. आरोप लगा था कि ये सभी भाजपा सरकार में प्रभावशाली रहे हैं और उनके खिलाफ कई शिकायते की गई थी. शिकायतों के बाद भी अधिकारियों को हटाया नहीं जा रहा था. फिर कांग्रेस नेता शारिक रईस खान ने प्राचार्य एमआर सावंत को हटाने के लिए इसकी शिकायत प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से की. प्रदेश प्रभारी से शिकायत के बाद उन्हें हटाकर धरसींवा के पथरी स्कूल में भेजा गया है.
इसी तरह पिछली सरकार में तीन मंत्रियों के निजी स्टॉफ में रहे आरएन सिंह की स्कूल शिक्षा विभाग से हटाकर उन्हें संचालनालय भेजा गया. बताया जाता है कि सरकार बदलने के बाद आरएन सिंह का प्रभाव कम नहीं हुआ था.
राजनांदगांव के जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय को लेकर भी कई तरह की शिकायतें की गई थी, लेकिन विभाग के आला अफसरों के प्रभाव के चलते उन्हें हटाया नहीं गया था. अब उन्हें राजनांदगांव से हटाकर दुर्ग भेजा गया है.