रामेश्वर मरकाम, धमतरी। देश के उज्जवल भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए और बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की । योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर सक्षम बनाना और रोजगार लाना है । लेकिन धमतरी में इन्ही योजनाओ के तहत कुछ संस्थाए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर रहे है ।
एक ऐसे ही मामले में आरटीआई के तहत बड़ा खुलासा हुआ है । जानकारी के मुताबिक नगरी में संचालित अलशंस इंफोटेक महाविद्यालय ने सैकड़ो बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण दिया लेकिन प्लेसमेंट के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है । आरटीआई से मिले दस्तावेज में इलाके के तकरीबन 500 से ज्यादा युवाओ को प्रशिक्षण दिया जाना बताया गया है। हालांकि युवाओ ने इस संस्था से पीजीडीसीए,बीसीए, डीसीए, बीकाम आदि का कोर्स किया है, लेकिन अधिकांश युवाओं को प्लेसमेंट नही दिया गया है। जबकि दस्तावेज कहते है कि सभी युवा अलग-अलग संस्थाओ में कार्यरत है ।
आरटीआई से मिले जानकारी के बाद युवाओ ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन कर उचित कार्यवाही की मांग किया है। इस खुलासे के बाद लल्लूराम.कॉम की टीम ने पूरे मामले का सच जानना चाहा और पड़ताल शुरू की । हमने प्रशिक्षण प्राप्त कर कई युवाओ से संपर्क किया जिन्होंने बताया कि वे प्रशिक्षण तो कर चुके है लेकिन उन्हें प्लेसमेंट या जॉब नही मिला है । बेरोजगार युवकों का कहना है कि संस्था ने शासन को झूठी जानकारी देकर गुमराह किया है जबकि कोर्स करने के बावजूद उन्हें कोई रोजगार नही मिला है ।
लल्लूराम.कॉम को मिले दस्तावेज में यह भी खुलासा हुआ है कि सूची में मोबाईल नम्बर वाले स्थान पर एक ही नम्बर तकरीबन 100 से ज्यादा जगह पर लिखा हुआ है जो एक बडे फर्जीवाड़ा को इंगित कर रहा है। लेकिन संस्था ने इस मामले में या तो मोबाइल नही होना या फिर नम्बर उपलब्ध नही बता रहे है । गौरतलब है कि कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के लिए शासन ऐसे संस्थाओ को लाखो रु मुहैया कराती है ऐसी स्थिति में बेरोजगारो को प्लेसमेंट दिखाना कही शासन से राशि प्राप्त करने के लिए तो नही किया गया है।
बहरहाल संस्था की संचालिका अल सलमा परवीन ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए पारिवारिक जमीन पर विवाद के चलते आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा फ़साने की साजिश करार दिया है वही संस्था के संचालिका ने बेरोजगारो से कोई धोखा नही करने की बात कही है । वैसे शिकायत बाद विभाग के आला अफसरो द्वारा मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने सहित शिकायत सही पाये जाने पर संस्था की मान्यता रद्द करने की बात कही गई है।