नई दिल्ली . दिल्ली नगर निगम ने मानसून के दौरान जलभराव रोकने के लिए कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत नालियों और नालों की सफाई की जा रही है. महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने मंगलवार को निगम मुख्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान निगम प्रशासन की तैयारियों पर चर्चा की.

महापौर ने बताया कि निगम के अधीन 4 फीट से ऊपर के 713 नाले हैं, जिनकी लंबाई लगभग 460 किलोमीटर है. 4 फीट से नीचे के लगभग 21 हजार नाले हैं. जिनकी लंबाई लगभग 6600 किलोमीटर है. इन नालों की सफाई का काम 2 चरणों में करते हैं. पहले चरण में मानसून से पहले नालों की सफाई होती है और दूसरे चरण में मानसून के खत्म होने के बाद सफाई होती है. पहले चरण में 4 फीट से ऊपर के नालों की सफाई का काम 92 से 93 फीसदी तक हो चुका है. 4 फीट से नीचे के नालों की सफाई काम काम 85 फीसदी तक पूरा हो चुका है. पिछले वर्ष जिन स्थानों पर जलभराव हुआ था. वहां पर विशेष ध्यान देंगे. मानसून के दौरान सभी स्थायी पंपिंग स्टेशनों पर 24 घंटे और 7 दिन स्टाफ उपलब्ध रहेगा. निगम के अधीन कुल 70 से 80 पंप हैं. अस्थाई पंप की संख्या 450 से 500 है. जोनल टीम वार्ड स्तर पर बनाई गई हैं, जिसमें जूनियर इंजीनियर, सफाई कर्मचारी, नाला बेलदार और रखरखाव और डेम्स विभाग के कर्मचारी शामिल किए हैं.

महापौर ने बताया कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) का गठन किया है. एक नोडल अधिकारी हर जोन में भी नियुक्त किया है. अधिकारी की जिम्मेदारी जोन में जलभराव वाले स्थानों को चिह्नित कर निगरानी करनी होगी. साथ ही, जलभराव की स्थिति से बचाव के लिए अतिरिक्त इंतजाम भी करना होगा.

नेता विपक्ष ने निशाना साधा दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने मंगलवार को निगम की मानसून की तैयारियों पर निशाना साधा. नालों की सफाई के लिए 2 समय सीमा खत्म हो चुकी है, लेकिन अभी तक नालों की सफाई नहीं हुई है. 713 में से सिर्फ 259 नालों की सफाई कागजों में हुई है. दिल्ली में विभिन्न जगहों पर नालों में गंदगी फैली हुई है. उन्होंने कहा कि नालों की सफाई न होने से लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा.