कपूर (camphor) लगभग हर घर में प्रयोग में लाया जाता है. पूजा पाठ में तो खास तौर पर इसका इस्तेमाल होता है. पूजा खत्म होने के बाद आरती के समय कपूर की अनिवार्यता हर किसी को पता है. कपूर सिर्फ फैक्ट्रियों में नहीं बनते, बल्कि पेड़ पर भी उगते हैं. यह बात बहुत कम लोगों को पता होगी. इसके साथ ही कपूर के गुणकारी फायदे और इसके कुछ अनछुए रहस्य भी हैं, जिससे लोग शायद अनभिज्ञ हैं.

ज्यादातर लोगों को लगता है कि कपूर सिर्फ केमिकल्स के ही बने होते हैं. हालांकि, वर्तमान समय में प्रचलित कपूर केमिकल्स के ही बने होते हैं. यह कमाल का तत्व प्रकृति में भी विद्यमान होता है. दरअसल कपूर एक विशालकाय पेड़ से प्राप्त होते हैं, जिनका मेडिसिनल वैल्यू कमाल का होता है.

कपूर का वृक्ष (camphor plant) एशिया के विभिन्न भागों में मसलन भारत, श्रीलंका, चीन, जापान, मलेशिया, कोरिया, ताइवान, इन्डोनेशिया आदि देशों में पाया जाता है. कपूर के वृक्ष की लम्बाई 50 से 100 फीट तक होती है. कपूर का पौधा बहुत लाभकारी होता है. हम अपने घर में बाहर कहीं भी इस पौधे को लगा सकते हैं. कपूर का पौधा लगाने से घर की बीमारियां दूर होती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा बाहर हो जाती है. छिपकली मच्छर मक्खी सांप जैसे जीव जंतु घर के आसपास भी दिखाई नहीं देते.

कहां मिलता है कपूर का पौधा

आजकल ऑनलाइन बाजार के माध्यम से हर चीज उपलब्ध हो रही है. वैसे ही आप उस पौधे को ऑनलाइन साइट्स से खरीद सकते हैं. लेकिन यह पौधा मूल रूप से चीन, जापान, कोरिया, ताइवान और पूर्वी एशिया के आस-पास के हिस्सों का निवासी है. अब इसकी खेती दुनिया के कई हिस्सों में की जाती है. भारत के अंदर सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में इस कपूर के पौधे को सरकार द्वारा भी लगाया जा रहा है.

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