स्पोर्ट्स डेस्क– बॉल टेंपरिंग विवाद में आज सजा का ऐलान हुआ, जांच रिपोर्ट सामने आई, इस विवाद में तीन क्रिकेटरों पर गाज गिरी, जिसमें स्टीवन स्मिथ, और डेविड वार्नर को 1 साल के लिए बैन कर दिया गया। तो वहीं बैनक्राफ्ट को 9 महीने के लिए बैन कर दिया गया। जबकि कोच डैरेन लेहमन को इस पूरे विवाद से दूर रखा गया। और उन्हें दोषी नहीं माना गया। साथ ही टीम के साथ बतौर कोच उन्हें बरकरार रखा गया। जिसके बाद ही अब कोच लेहमन को लेकर भी दिग्गजों की राय आने लगी है।

लेहमन को लेकर बोले बॉर्डर
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एडन बॉर्डर ने ऑस्ट्रेलियाई कोच डैरेन लेहमन का साइड लेते हुए उन्हें देश में क्रिकेट से जुड़े अच्छे लोगों में से एक बताया है। एक स्पोर्ट्स चैनल में बॉर्डर ने कहा अगर जांच अधिकारी ने लोगों से बात की है और वो इस बात से संतुष्ट हैं कि लेहमन नहीं जानते कि उस वक्त क्या कुछ हो रहा था तो इससे मैं काफी सुकून में हूं। बॉर्डर ने कहा हम ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के सबसे अच्छे लोगों में से एक के बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने टीम के साथ शानदार काम किया है। अगर वो इस बारे में अनजान थे तो फिर कोई समस्या नहीं है।

‘पूरी कहानी अभी बाकी है’
एजेंसी के मुताबिक पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने हलांकि बार्डर के बयान का समर्थन नहीं किया है। क्लार्क का मानना है कि इस पर पूरी कहानी अभी आनी बाकी है। और तब तक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट मुसीबत में रहेगी।

ये भी नहीं सहमत
इतना ही नहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन और केविन पीटरसन भी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की जांच में लेहमन को क्लीन चिट देने से सहमत नहीं है। जिस दिन ये हरकत हुई थी तब लेहमन को वॉकी-टॉकी पर 12वें खिलाड़ी पीटर हैंड्सकॉम्ब से बात करते देखा गया था। हैंड्सकॉम्ब बाद में मैदान पर बेनक्राफ्ट से बात करने गए थे।

खिलाड़ियों की सजा पर बोले वॉर्न
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न ने भी बॉल टेंपरिंग मामले में सजा के बाद अपनी राय दी है। शेन वॉर्न के मुताबिक बॉल टेंपरिंग के केस में शामिल होने के चलते कप्तान स्टीवन स्मिथ और उनके दो साथियों को मिली सजा काफी कड़ी है। वॉर्न ने अपने कालम में लिखा है कि मैं अब भी तय नहीं कर पा रहा कि मेरी नजर में सजा क्या होनी चाहिए थी। ये कड़ी होनी चाहिए लेकिन अगर उन्हें एक साल के लिए बाहर किया जाता है तो ये सजा अपराध के अनुसार नहीं है। वार्न ने कहा कि खिलाड़ियों की शर्मनाक हरकत भारी भरकम जुर्माने की हकदार थी। लेकिन 12 महीने का बैन काफी अधिक है। वार्न ने आगे कहा कि इसमें भावनाओं को हटा दीजिए, हम सभी नाराज और शर्मसार हैं। लेकिन आपको संतुलित दिमाग की जरूरत है। और आपको तब तक किसी को खत्म नहीं करना चाहिए जब तक कि वो खत्म करने का हकदार नहीं हो। उनकी हरकतों का बचाव नहीं किया जा सकता और उन्हें कड़ी सजा देने की जरूरत थी। लेकिन मुझे नहीं लगता कि एक साल का बैन इसका जवाब है। वॉर्न ने कहा कि मेरी सजा होती कि वो चौथे टेस्ट में नहीं खेलते, भारी भरकम जुर्माना लगता और कप्तान तथा उपकप्तान के पद से उन्हें बर्खास्त किया जाता। लेकिन उन्हें खेलने से बैन नहीं किया जाता।