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नई दिल्ली. इंद्रधनुष के सात रंगो के बारे में हम सभी जानते हैं. सप्तऋषियों से भी हम सभी परिचित हैं. लेकिन क्या आपने कभी स्वास्थ्य के सप्तऋषियों के बारे में सुना है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सरकार की कार्यशैली और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को लोगों के साथ साझा किया है. देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर उन्होंने अपनी सरकार का वीजन स्पष्ट किया है. पीएम मोदी ने स्वास्थ्य के सप्तऋषियों के बारे में बताया है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए देश के सामने अपने सरकार की प्लानिंग रखी. उन्होंने लिखा है कि हमारी सरकार ने सात चीजों- या स्वास्थ के सप्तऋषियों पर बहुत फोकस किया है. आप भी सात बिंदुओं में समझिए कि स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर क्या हैं पीएम मोदी की प्लानिंग-
- पहली कोशिश ये है कि बीमारी की नौबत ही नहीं आए. इसलिए Preventive Healthcare पर हमारी सरकार ने बहुत जोर दिया है. ये योग, फिटनेस से जुड़े कार्यक्रम इसलिए ही चलाए जा रहे हैं.
- दूसरा, अगर बीमारी हो गई तो शुरुआत में ही पता चल जाए. इसके लिए देश भर में लाखों नए टेस्टिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं.
- तीसरा फोकस ये है कि लोगों को घर के पास ही प्राथमिक उपचार की बेहतर सुविधा हो. इसके लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को सुधारा जा रहा है.
- चौथा प्रयास है कि गरीब को अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त इलाज मिले. इसके लिए आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा है.
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- पांचवा फोकस इस बात पर है कि अच्छे इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों पर निर्भरता कम से कम हो. इसके लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमारी सरकार अभूतपूर्व निवेश कर रही है. साल 2014 से पहले देश में सिर्फ 7 एम्स थे. इसमें से भी एक दिल्ली वाले को छोड़ दें तो कहीं MBBS की पढ़ाई नहीं होती थी. कहीं OPD नहीं लगती थी, कुछ अधूरे बने थे. हमने इन सभी को सुधारा और देश में 16 नए एम्स घोषित किए. एम्स गुवाहाटी भी इन्हीं में से एक है.
- सरकार का छठा फोकस इस बात पर भी है कि डॉक्टरों की संख्या में कमी को दूर किया जाए. बीते 7 साल में MBBS और PG के लिए 70 हजार से ज्यादा नई सीटें जुड़ी हैं. सरकार ने 5 लाख से ज्यादा आयुष डॉक्टर्स को भी एलोपैथिक डॉक्टरों के बराबर माना है.
- सरकार का सांतवां फोकस स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन का है. सरकार की कोशिश है कि इलाज के लिए लंबी-लंबी लाइनों से मुक्ति मिले. इलाज के नाम पर होने वाले दिक्कतों से मुक्ति मिले. इसके लिए एक के बाद एक योजनाएं लागू की गई हैं.
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