संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में पलीता लगाने का काम दूरस्थ वनांचल के पंचायत प्रतिनिधि खुलेआम कर रहे हैं. जनपद पंचायत लोरमी के अचानकमार ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि के बंदरबांट का मामला उजागर हुआ है, जहां के पूर्व सरपंच सचिव और आवास मित्र की कारगुजारियों की शिकायत ग्रामीणों ने वरिष्ठ अधिकारियों से की है.

बता दें कि अचानकमार ग्राम पंचायत में इस योजना के तहत हितग्राहियों के पक्का मकान का सपना तो पूरा नहीं हुआ, लेकिन पूर्व सरपंच सचिव और आवास मित्र ने हितग्राहियों के लाखों रुपए की राशि फर्जीवाड़ा जरूर कर डाला. पीड़ित महिला राजकुमारी बैगा ने पूर्व सरपंच गया साकत पर उनके पति के नाम से स्वीकृत पीएम आवास की दोनों किस्तों की राशि को रखने के बाद भी मकान का निर्माण नहीं कराने का आरोप लगाया है.

उन्होंने बताया कि उनके पति को पूर्व सरपंच अपने साथ बैंक ले जाकर आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि निकालकर अपने पास रख ली, लेकिन उनका पक्के मकान का सपना आज तक पूरा नहीं हो सका है. मिट्टी के घर में अपनी जान जोखिम में डालकर वृद्ध महिला रहने को मजबूर है. महिला ने बताया कि पूर्व सरपंच से निर्माण की बात कहने पर राशि नहीं होने का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लेता है.

आरोप यह भी है कि ग्राम पंचायत अचानकमार के पूर्व सरपंच गया साकत ने फर्जीवाड़ा करने नियम विरुद्ध अपने ही बेटे को आवास मित्र बनवाया था, जिसने ग्राम पंचायत के अधिकतर हितग्राहियों के खाते से राशि निकालकर बंदरबांट कर ली. यही वजह है कि गया साकत जैसे कई हितग्राहियों का आवास या तो बना नहीं है, या अपूर्ण है. जबकि आवास मित्र ने फर्जी जियो टैगिंग के जरिए हितग्राहियों का लाखों रुपए आहरित कर लिया है.

ग्रामीणों ने बताया इस संबंध में पूर्व में मुंगेली कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत की गई थी, लेकिन मामले की जांच नही हुई. ग्रामीणों ने एक बार फिर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने के साथ दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है. इस पूरे मामले में लोरमी की एसडीएम मेनका प्रधान ने जल्द ही जांच करने की बात कही है. उन्होंने कहा यदि राशि निकालने के बाद भी आवास नहीं बनाया गया है, तो दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.