दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर गैर–जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए तंज कसा कि ऐसे वक्त में, जब दिल्ली गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रही है, दोनों नेता विदेश में हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि उनके 10 साल के कार्यकाल के दौरान राजधानी में प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब नहीं रही। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय भाजपा सरकार मॉनिटरिंग मीटरों के आसपास पानी का छिड़काव कर हवा की गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को कृत्रिम रूप से बेहतर दिखाने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। राजधानी के कई इलाकों में धुंध और स्मॉग के कारण दृश्यता प्रभावित है और लोग जहरीली हवा के चलते स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। रेखा गुप्ता सरकार ने बुधवार को प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए, लेकिन स्थिति में अभी तक उल्लेखनीय सुधार नहीं देखा गया है।
इसी बीच, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मौजूदा हालात पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि उनके कार्यकाल में प्रदूषण का स्तर इतना भयावह नहीं था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि दस वर्षों के दौरान उनकी सरकार ने कड़े कदम उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा भाजपा सरकार एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को प्रबंधित करने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम के आसपास पानी छिड़कने जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश की राजधानी में गंभीर प्रदूषण के बावजूद केंद्र का रवैया उदासीन दिखाई देता है।
केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री ओमान में, नेता प्रतिपक्ष जर्मनी में, और देश की राजधानी प्रदूषण में…”। उन्होंने यह टिप्पणी इसलिए की कि एक ओर दिल्ली लगातार गंभीर वायु प्रदूषण का सामना कर रही है, जबकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष विदेश यात्राओं पर हैं।
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार प्रदूषण कम करने के बजाय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में हेरफेर कर रही है। उनका कहना था कि मॉनिटरिंग मशीनों के आसपास पानी छिड़कने के बावजूद AQI स्तर 400-450 से नीचे नहीं आ रहा, जबकि वास्तविक मूल्य 700-800 तक हो सकता है, जिससे राजधानी में दमघोंटू वातावरण बना हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि ग्रैप-4 को लागू करने में देरी की गई और इसे कागजों में दिखाया गया, जबकि जमीनी स्तर पर इसका प्रभाव देर से दिखाई दिया। निर्माण कार्य भी जारी रहे। केजरीवाल ने कहा कि उनके शासनकाल में प्रदूषण नियंत्रण के कई उपाय अपनाए गए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण की स्थिति के बावजूद प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की। चीन के बीजिंग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां की सरकार ने प्रदूषण कम करने के ठोस कदम उठाए, जबकि दिल्ली और केंद्र सरकार में ऐसी प्रतिबद्धता नजर नहीं आती।
केजरीवाल ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि दस साल तक उनकी सरकार के दौरान राजधानी में प्रदूषण का स्तर इतना गंभीर नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि उस समय कड़े कदम उठाए गए थे। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को मैनेज करने में लगी है। केजरीवाल ने टिप्पणी की कि जब देश की राजधानी ‘गैस चैंबर’ जैसी स्थिति में पहुंच जाए और प्रधानमंत्री प्रदूषण के मुद्दे पर कोई संज्ञान न लें, तो साफ हवा की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
केजरीवाल ने यह पोस्ट उस समय की, जब गुरुवार को लोकसभा में दिल्ली प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा प्रस्तावित थी। हालांकि विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (VB G राम G) संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे के कारण लोकसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। इसके परिणामस्वरूप प्रदूषण पर होने वाली चर्चा गुरुवार को नहीं हो सकी और अब यह मुद्दा शुक्रवार को उठाया जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी दोनों ही विदेश दौरे पर होने के कारण इस चर्चा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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