Nehru Personal Letters: प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पत्र लिखकर नेहरू की लिखित चिट्ठियां को लौटाने की मांग की है। पीएम मेमोरियल (PM Memorial) के सदस्य इतिहासकार रिजवान कादरी (Rizwan Qadri) का आरोप है कि यूपीए के शासनकाल में 2008 में 51 डिब्बों में भर कर नेहरू के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के पास पहुंचाए गए थे। नेहरू ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत आदि को लिखे थे। पीएमएमएल के सदस्य रिज़वान कादरी ने दस दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखा था। इससे पहले उन्होंने सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था।
कादरी का आरोप है कि यूपीए के शासनकाल में 2008 में 51 डिब्बों में भर कर नेहरू के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। नेहरू ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत आदि को लिखे थे। पीएमएमएल के सदस्य रिज़वान कादरी ने दस दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखा था। इससे पहले उन्होंने सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था।
उन्होंने लिखा, ‘मैं आज आपको प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) के बारे में लिख रहा हूं, जिसे पहले नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) के नाम से जाना जाता था। जैसा कि आप जानते हैं, पीएमएमएल भारत के आधुनिक और समकालीन इतिहास को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष भी शामिल है। जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि ने 1971 में जवाहरलाल नेहरू के प्राइवेट पेपर्स उदारतापूर्वक पीएमएमएल को ट्रांसफर कर दिए थे। ये दस्तावेज भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण कालखंड के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं।
दस्तावेज नेहरू परिवार के लिए हैं महत्वपूर्ण
उन्होंने आगे लिखा, ‘साल 2008 में तत्कालीन यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी के अनुरोध पर इन दस्तावेजों का एक संग्रह पीएमएमएल से वापस ले लिया गया था। हम समझते हैं कि ये दस्तावेज नेहरू परिवार के लिए व्यक्तिगत महत्व रखते होंगे। हालांकि, पीएमएमएल का मानना है कि इन ऐतिहासिक सामग्रियों में जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली, विजय लक्ष्मी पंडित, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत जैसी हस्तियों के साथ पत्राचार शामिल हैं। इन पत्राचार से शोधकर्ताओं को बहुत लाभ होगा। संभावित समाधानों की खोज में आपके सहयोग के लिए हम आभारी होंगे।
1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी को दिए थे
पीएमएमएल का मानना है कि ये ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज हैं और इन तक पहुंच आवश्यक है। ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल ने 1971 में नेहरु मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (अब पीएमएमएल) को दिए थे। अब राहुल गांधी से कहा गया है कि या तो सोनिया गांधी से ओरिजनल पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दिलवाई जाए। इस संग्रह में नेहरू और एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत जैसी प्रमुख हस्तियों के बीच पत्राचार शामिल है।
बीजेपी ने साधा निशाना
पीएमएमएल द्वारा पत्र वापस मांगे जाने के बाद बीजेपी ने गांधी परिवार पर निशाना साधा है। भाजपा आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मुझे जो बात विशेष रूप से दिलचस्प लगी, वह यह है कि नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को ऐसा क्या लिखा होगा जिसके लिए ऐसी सेंसरशिप की जरूरत पड़ी? क्या राहुल गांधी इन पत्रों को वापस पाने के लिए कार्रवाई करेंगे?”
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