स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से लेकर मिशन सुदर्शन चक्र तक तमाम मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने लाल किले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का भी जिक्र किया और उसे 100 साल पूरे करने की बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज से 100 साल पहले एक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जन्म हुआ था। 100 साल की राष्ट्र सेवा का एक गौरवपूर्ण पृष्ठ है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर मां भारती के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन जिसकी पहचान रही है, ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा NGO है।”

कांग्रेस बोली- भाषण में आरएसएस का जिक्र उन्हें खुश करने के लिए

इसपर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आरएसएस का जिक्र उन्हें खुश करने के लिए किया, क्योंकि मोदी अब पूरी तरह उनके भरोसे हैं। सितंबर के बाद जब वे 75 साल के हो जाएंगे, तो पद पर बने रहे के लिए मोहन भागवत की मदद पर निर्भर हैं।

वहीं RJD नेता मनोज ने कहा, ‘प्रधानमंत्री हर बार निराश करते हैं। RSS एक सांस्कृतिक संगठन है, आजादी में उसकी भूमिका का मूल्यांकन देश के प्रधानमंत्री को करना चाहिए। आज फर्क करना मुश्किल हो गया कि चुनावी भाषण है या लाल किले की प्राचीर से देश के लिए संबोधन है।’

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने ओडिशा में उत्कल बिपन्न सहायता समिति में तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा- भारत एक अनोखा देश है। इसका लक्ष्य दुनिया में शांति-सुख लाना और अपना धर्म साझा करना है। हम स्वतंत्र इसलिए हुए ताकि देश के हर व्यक्ति को सुख, साहस, सुरक्षा, शांति और सम्मान मिल सके।

भागवत ने कहा- आज दुनिया डगमगा रही है। पिछले 2000 साल में कई प्रयोग हुए, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं मिला। हमारा कर्तव्य है कि हम दुनिया को समाधान दें और धार्मिक मूल्यों पर आधारित एक नया, सुखी और शांतिपूर्ण विश्व बनाएं।

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