नई दिल्ली। G-20 के लिए दिल्ली के नागरिकों को अधिक जिम्मेदारी मिल गई है. बहुत सारे मेहमान आएंगे. 5 से 15 सितंबर तक बहुत असुविधा होगी. ट्रैफिक नियम बदल दिए जाएंगे, हमें कई जगहों पर जाने से रोका जाएगा. मैं इसके लिए पहले से माफी मांगता हूं, लेकिन कुछ चीजें जरूरी हैं. यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आने वाले दिनों में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन को लेकर कही.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो दिन तक चलने वाले G-20 सम्मेलन को लेकर तैयारी जोरों पर है. शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेने आ रहे हैं. इस दौरान दिल्ली में आइजीआइ एयरपोर्ट से लेकर राजघाट, मुख्य कार्यक्रम स्थल प्रगति मैदान समेत 20 जगहों सजे नजर आएंगे. मेहमानों के एयरपोर्ट पर उतरने से लेकर उनके होटलों और प्रगति मैदान तक हर तरफ G-20 मय नजर आएगा.
29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को किया गया आमंत्रित
उल्लेखनीय है कि भारत पहली बार G-20 की अध्यक्षता कर रहा है और इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए G-20 के सदस्य व आमंत्रित सदस्य मिलाकर कुल 29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया गया है. बैठक में अन्य अंंतरराष्ट्रीय संगठन भी शामिल होंगे. महमानों के स्वागत के लिए पिछले एक माह से दिल्ली को चमकाने में तमाम विभाग के कर्मी सड़कों पर काम कर रहे हैं. इसके अंतर्गत दिल्ली में करीब 60 सड़कों पर सुंदरीकरण का काम अंतिम चरण में है.
G-20 के सदस्य देश
G-20 के सदस्य देशों में भारत अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, सऊदी अरब, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोपीय संघ, इंडोनेशिया, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और तुर्किये इन स्थायी सदस्य हैं. इसके अलावा विशेष आमंत्रित बांग्लादेश, मिस्र, मारिशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.