वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के संभागीय आयुक्त और जिला मजिस्ट्रेट से वाराणसी में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली. उन्होंने तैयारियों और लोगों की सहायता के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यों की भी जानकारी ली. पीएम ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों और विभिन्न स्थानों पर शरण लिए हुए लोगों के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि प्रभावित लोगों को स्थानीय प्रशासन से हर संभव सहायता मिलनी चाहिए.
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक जलस्तर राजघाट गेज पर रात 10 बजे 70.52 मीटर पर था. यहां चेतावनी बिंदु 70.262 और खतरा का निशान 71.262 मीटर पर है. जलस्तर में चार सेंटीमीटर की रफ्तार से वृद्धि जारी थी. गंगा के जलस्तर में शुक्रवार को बेतहाशा बढ़ोतरी से तटवासी बेकल हो उठे. बाढ़ से अब आबादी के साथ-साथ खेती भी प्रभावित होने लगी है. वरुणा किनारे के दस मुहल्लों और गंगा के तटवर्ती 15 गांवों में पानी घुस गया है. सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है.
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मणिकर्णिका घाट पर गंगा सतुआ बाबा आश्रम के गेट के पास पहुंच गईं. यहां से नावों से शवों को अंतिम संस्कार के लिए छत पर ले जाया जा रहा है. इसके लिए लोगों को 6 से 8 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. हरिश्चंद्र घाट पर भी गलियों में शवदाह जारी है. दशाश्वमेध घाट पर जल का प्रवाह हनुमान मंदिर के आगे हो रहा है. नगवां नाले के किनारे से पुष्कर तालाब जाने वाले मार्ग पर पानी से आवागमन बंद हो गया है.
प्रदेश में बारिश के चलते राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. संगम नगरी में भी गंगा और यमुना नदियां उफान पर है. जलस्तर बढ़ने से नदियां पहुंची डेंजर लेवल के करीब पहुंच गई है. बीते 24 घंटे में फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 146 सेंटीमीटर तक बढ़ गया.
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