Rajasthan News: प्रधानमंत्री के इस विकास कदम को राजनीतिक दृष्टिकोण से गहरा और दीर्घकालीन बताया जा रहा है. इसे भाजपा की सोची-समझी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. इसके तहत पीएम मोदी ने विकास के एजेंडे को सबसे आगे रखकर एक नया राजनीतिक दांव चला है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान के बांसवाड़ा में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरे का मुख्य आकर्षण 2800 मेगावाट की माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना रही, जो राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके साथ ही वंदे भारत ट्रेनों और सौर ऊर्जा परियोजनाओं जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दिखाई गई। इस दौरे को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दीर्घकालिक राजनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य आदिवासी बहुल क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना है।

आदिवासी बेल्ट में विकास का दांव

बांसवाड़ा, जिसे ‘सौ द्वीपों का शहर’ कहा जाता है, राजस्थान के वागड़ क्षेत्र का हिस्सा है और इसकी सीमाएं गुजरात व मध्य प्रदेश से सटी हैं। यह क्षेत्र मुख्य रूप से भील आदिवासियों का गढ़ है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने 2 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। BJP इस क्षेत्र में विकास परियोजनाओं के जरिए आदिवासी समुदाय का समर्थन हासिल करने और अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

BAP की चुनौती और विपक्ष का विरोध

BAP ने 2018 के बाद से कांग्रेस और BJP के वोटबैंक में सेंध लगाई है, जिसमें तीन विधायक सीटें और बांसवाड़ा लोकसभा सीट शामिल हैं। BAP सांसद राजकुमार रोत ने पीएम के दौरे का विरोध करते हुए धरना दिया और मांग की कि परमाणु परियोजना का CSR फंड आदिवासी विकास के लिए उपयोग हो। जवाब में BJP के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि सरकार ने अधिग्रहित जमीन का पूरा मुआवजा दिया है और नपला गांव में दो स्कूल व एक अस्पताल का निर्माण शुरू किया गया है।

युवाओं और विकास पर जोर

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सौर ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के साथ-साथ वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत पर जोर दिया। ये परियोजनाएं आदिवासी युवाओं को रोजगार और बेहतर भविष्य के अवसर प्रदान करेंगी। BJP इस विकास कार्ड के जरिए क्षेत्रीय दलों की पहचान-आधारित राजनीति को कमजोर करने और जातीय खाई को पाटने की कोशिश कर रही है।

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