कुंदन कुमार/पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस बार बिहार के प्रमुख पर्व छठ महापर्व को लेकर दिए गए संदेश ने राज्य के लोगों के दिल को छू लिया है। पीएम मोदी ने न केवल छठ पूजा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को रेखांकित किया, बल्कि यह भी घोषणा की कि सरकार का प्रयास रहेगा कि छठ महापर्व को UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कराया जाए। इस ऐलान पर बिहार भाजपा के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है और इसे बिहार के सांस्कृतिक गौरव का सम्मान बताया है।बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने पीएम मोदी की ‘मन की बात’ में छठ महापर्व को लेकर दिए गए संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा पीएम मोदी ने बिहारवासियों के दिल को छू लिया है। छठ सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि यह आस्था, परंपरा और प्रकृति के प्रति समर्पण का प्रतीक है। पीएम ने इस पर्व की महिमा को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने का जो संकल्प लिया है वह पूरे बिहार के लिए गौरव की बात है।

प्रदेश अध्यक्ष ने यह कहीं बात

दिलीप जायसवाल ने आगे कहा कि जिस तरह कोलकाता की दुर्गा पूजा को UNESCO की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया अब यह वक्त है कि छठ महापर्व को भी उस वैश्विक पहचान की ओर अग्रसर किया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह कदम बिहार की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा।

बिहार के लिए ऐतिहासिक पल

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी प्रधानमंत्री के इस कदम की सराहना करते हुए कहा यह हमारे लिए अत्यंत गर्व का क्षण है। छठ महापर्व को UNESCO की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री द्वारा भेजा जा रहा है, यह न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक विविधता को सम्मान देने जैसा है। हम सभी बिहारवासी अभिभूत हैं और प्रधानमंत्री का हृदय से अभिनंदन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छठ पूजा बिहार की मिट्टी से जुड़ी वह परंपरा है जो शुद्धता, संयम और सामूहिक श्रद्धा का अनोखा उदाहरण है। आज जब दुनिया में सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने की बात हो रही है, ऐसे समय में छठ पूजा की वैश्विक मान्यता का प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है।

छठ बिहार की सांस्कृतिक आत्मा

छठ महापर्व केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की आत्मा से जुड़ा त्योहार है। सूर्य की उपासना, नदी और जल स्रोतों की सफाई, व्रती का कठिन उपवास और पूरे समाज की भागीदारी ये सब छठ को एक विशिष्ट सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व बनाते हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु सूर्य देवता की पूजा करने के लिए घाटों पर एकत्र होते हैं और इस दौरान समाज में समरसता, अनुशासन और सेवा की भावना दिखाई देती है। पीएम मोदी द्वारा इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता दिलाने की पहल इस पर्व की गरिमा को और भी ऊंचा उठाने का कार्य करेगी।

राजनीतिक के साथ-साथ सांस्कृतिक संदेश भी

राजनीतिक रूप से देखें तो यह कदम बिहार की जनता के साथ जुड़ने का एक सशक्त प्रयास है। 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री का यह भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव भाजपा के लिए जनसमर्थन बढ़ाने में मददगार हो सकता है। छठ जैसे पर्व को वैश्विक मान्यता दिलाने की कोशिश, उस जनसांस्कृतिक आधार को मजबूती देती है जो लंबे समय से उपेक्षित महसूस करता रहा है। यह सिर्फ एक सांस्कृतिक संदेश नहीं बल्कि उस जनमानस का सम्मान भी है जो वर्षों से अपनी परंपराओं को संजोकर रखे हुए है।

बिहारवासियों का दिल जीत लिया

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैय्यद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए बिहारवासियों का दिल जीत लिया है। उन्होंने छठ महापर्व को UNESCO की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल कराने की दिशा में जो प्रयास किया है उसके लिए पूरा बिहार आभारी है। चुनाव अभियान समिति में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि वे भाजपा के एक साधारण कार्यकर्ता हैं और हर जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाते हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए फिर से सरकार बनाएगी। शाहनवाज ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे को कार्यकर्ताओं के लिए उत्साहवर्धक बताया और कहा कि सभी कार्यकर्ता पूरी ताकत से मैदान में उतरेंगे। उन्होंने वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत खादी के प्रचार की भी अपील की।