उत्तर प्रदेश के झांसी में हुए अग्निकांड को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट की है. उन्होंने X पर लिखा कि ‘हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है. इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं. ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें. राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है.’
बता दें कि शुक्रवार को रात करीब 10 बजे झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु वार्ड में आग लग गई. जिस समय आग लगी उस समय वार्ड में लगभग 54 बच्चे भर्ती थे. आग लगते ही जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की मदद से बच्चों को बाहर निकाला गया. मौके पर फायर विभाग की दो गाड़ियां पहुंची. कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. आग लगने की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी अविनाश कुमार, एसएसपी सुधा सिंह, मंडलायुक्त विमल दुबे, डीआईजी कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंचे. सभी नवजात शिशुओं को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया. जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि 10 बच्चों की मृत्यु हो गई है. अन्य बच्चों का इलाज जारी है. जानकारी के अनुसार वार्ड में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी थी. इलाज के लिए भर्ती नवजात बच्चों की उम्र 1 दिन से लेकर 1 माह तक की है.
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डॉक्टर और स्टाफ की मदद से बच्चों को निकाला गया
वहीं मेडिकल कॉलेज पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में आग लगने का ये दूसरा मामला है. इसमें काफी बच्चों की आग लगने से मौत हुई है. जिनको डॉक्टर और स्टाफ की मदद से काफी बच्चों को बचा लिया गया. उन्होंने कहा कि जो बच्चे आग लगने से घायल हुए हैं उनमें इन्फेक्शन तेजी से फैल रहा है. घायल बच्चों को तत्काल इलाज के लिए सफदरगंज बर्न यूनिट में शिफ्ट कराया जाए. जिस इनको अच्छा इलाज मिल सके. सरकार की तरफ से पहुंचे राज्य मंत्री मनोह लाल पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर उनको भेज गया है. उन्होंने सीएमओ सहित सभी मौजूद अधिकारियों चर्चा की और घायल बच्चों को सही इलाज दिए जाने के लिए कहा. वहीं बबीना विधायक राजीव सिंह परिछा ने बताया कि घटना दुर्घटना में बदल गई है. हम सभी परिजनों के साथ हैं. मुख्यमंत्री घटना को लेकर संवेदनशील हैं. सबसे पहले हमारी सरकार की प्राथमिकता अच्छा इलाज दिए जाने की है. प्रथम दृष्टया हादसा शॉट शर्किट से होना लग रहा है. बाकी जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी.
बच्चे का चेहरा तक नहीं देखा- परिजन
मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने 12 घंटे में जांच रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिला ललितपुर निवासी हादसे में शामिल बच्चे की बड़ी मां संजना सोनी ने बताया कि उनके यहां ये पहला लड़का पैदा हुआ था. जिसको इलाज के लिए मंगलवार को भर्ती कराया था. शुक्रवार दोपहर में ही उसका ऑपरेशन हुआ था. बच्चे का चेहरा तक नहीं देखा. बच्चे को दूध पिलाने के लिए आवाज लगाई तो वह भीतर पहुंची. तो एक डॉक्टर जिसके पैर में आग लगी हुई थी, चिल्लाते हुए बाहर निकली. आग बहुत भीषण थी. जिसमें उसके सामने ही लगभग पंद्रह बच्चों को जली हुई अवस्था में बाहर निकाला गया. अब उनके बच्चे की कोई जानकारी नहीं मिल रही है. वहीं जो परिजन अपने बच्चों को सुरक्षित बचा पाए वह अस्पताल परिसर में बच्चों को छुपाए रहे. उनका कहना है कि उनका बच्चा स्वस्थ है और वह बच्चे को अस्पताल में वापस भर्ती नहीं कराना चाहते.
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