प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली को दो बड़ी सौगात दी हैं. प्रधानमंत्री ने द्वारका सेक्टर-21 से ‘यशोभूमि’ द्वारका सेक्टर 25 तक विस्तारित एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लाइन के लगभग 2 किलोमीटर के नए मार्ग का लोकार्पण किया और द्वारका सेक्टर-25 में बने ‘यशोभूमि’ इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर के पहले चरण का भी उद्घाटन किया.

विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने वाली पीएम विश्वकर्मा योजना लॉन्च की. दिल्ली के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) में इस योजना की शुरुआत की गई.

पीएम मोदी ने कंवेंशन और एक्सपो सेंटर में शिल्पकारों से बीत भी की. प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर यानी यशोभूमि के पहले चरण का उद्घाटन किया. इस परियोजना की लागत 5,400 करोड़ रुपये है. प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर को दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर-21 से सेक्टर-25 में नए मेट्रो स्टेशन यशोभूमि तक के विस्तार का भी उद्घाटन किया था. वह धौला कुआं से दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन का सफर करके द्वारका सेक्टर-21 स्टेशन पहुंचे थे.

स्किल्स बढ़ाने के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग

इस योजना को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा. इसके तहत, विश्वकर्मा (कारीगरों व शिल्पकारों) को बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से नि:शुल्क पंजीकृत किया जाएगा. उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी और कौशल बढ़ाने के लिए बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

15,000 रुपये की टूलकिट भी प्रदान की जाएगी

इस योजना के तहत लाभार्थियों को 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा. पीएमओ ने बताया कि योजना के तहत लाभार्थियों को पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.  यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी.

18 पारंपरिक शिल्प को कवर किया जाएगा

पीएम विश्वकर्मा के तहत 18 पारंपरिक शिल्प को कवर किया जाएगा. इनमें बढ़ई, नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, जूता बनाने वाला/फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं.

अगर यशोभूमि की प्रमुख विशेषताओं की बात करें तो दुनिया के सबसे बड़े सम्मेलन और प्रदर्शनी स्थलों में से एक है. यह सेंटर 8.9 लाख वर्गमीटर क्षेत्र की परियोजना का हिस्सा है. इसका प्रत्येक हॉल पांच फुटबॉल मैदान के बराबर है. इस कन्वेंशन सेंटर में 11000 प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था है. यह सेंटर भारत के सबसे बड़े एलईडी मीडिया फसाड़ से सुसज्जित है. इतना ही नहीं, इसमें टिकट, मीडिया लाउंज, भोजन आदि के लिए भी 365 मीटर लंबा फोयर बनाया गया है और सड़क, रेल और हवाईअड्डे से सीधी कनेक्टिविटी दी गई है. यहां 3000 से अधिक गाड़ियों के लिए अंडरग्राउंड पार्किंग का भी इंतजाम किया गया है. वहीं, इसके निर्माण में सौर ऊर्जा पैनलों और आधुनिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली के साथ आईजीबीसी प्लैटिनम प्रमाणित सरंचना का इस्तेमाल किया गया है.