दिल्ली. महर्षि वेदव्यास के जन्म दिवस के मौके पर गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है. आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के इस दिन को पर्व के रूप में मनाया जाता है. यही कारण है कि लोग इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है. गुरु पूर्णिमा के इस पर्व पर पीएम मोदी गृहमंत्री अमित शाह सहित सीएम भूपेश बघेल ने गुरु पूर्णिमा की बधाई दी है.

गुरु पूर्णिमा के दिन पर शिष्य अपने गुरुजनों की विशेष पूजा करते हैं और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि चिजों को भेंट स्वरूप अपने गुरु को देते हैं. शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है और अपना सारा भार गुरु को दे देता है. इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व शनिवार यानी 24 जुलाई को मनाया जा रहा है.

सामान्यतः हम लोग शिक्षा प्रदान करने वाले को ही गुरु समझते हैं, लेकिन वास्तव में ज्ञान देने वाला शिक्षक बहुत आंशिक अर्थों में गुरु होता है. जन्म जन्मान्तर के संस्कारों से मुक्त कराके जो व्यक्ति या सत्ता ईश्वर तक पहुंचा सकती हो. ऐसी सत्ता ही गुरु हो सकती है.

गुरु पूर्णिमा के पर्व पर लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक बधाई.

गृह मंत्री अमित शाह ने भी देशवासियों को गुरु पूर्णिमा के पर्व की बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- गुरु एक शिक्षक ही नहीं बल्कि अपने ज्ञान से शिष्य के सभी दोषों को दूर कर हर संकट से बाहर निकालने वाला मार्गदर्शक भी होता है. इससे न वो सिर्फ शिष्य के जीवन को संवारते हैं बल्कि समाज व राष्ट्रनिर्माण में भी अहम योगदान देते हैं. गुरु पूर्णिमा पर मैं ऐसे सभी गुरुजनों को नमन करता हूँ.

मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने भी प्रदेशवासियों को गुरु पूर्णिमा की बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- गुरू पूर्णिमा के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं. महाभारत और वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास के अवतरण दिवस आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भारत में गुरू पूर्णिमा मनाने की परम्परा रही है.

यह विशेष दिन अपने आराध्य गुरू के मार्गदर्शन और अमूल्य ज्ञान के प्रति आस्था, सम्मान और आभार प्रगट करने का महापर्व है. भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वोच्च स्थान दिया गया है.

उन्हें साक्षात परब्रम्ह की संज्ञा दी गई हैं क्योंकि वे अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रौशनी की ओर लेकर जाते हैं. गुरूजन सही राह दिखाकर जीवन को प्रगति की दिशा में लेकर जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.

गुरू पूर्णिमा के पवित्र दिन हमें गुरूओं की अमूल्य शिक्षा को जीवन में उतारकर उसका सकारात्मक प्रभाव अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के संकल्प के साथ बढ़ना चाहिए.