प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम के गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. यह टर्मिनल करीब 4 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और देश का पहला प्रकृति आधारित थीम वाला एयरपोर्ट टर्मिनल है. उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने नए टर्मिनल का निरीक्षण भी किया. यह एयरपोर्ट असम के पहले मुख्यमंत्री लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई के नाम पर है. एयरपोर्ट परिसर के बाहर उनकी 80 फीट ऊंची प्रतिमा का भी प्रधानमंत्री ने अनावरण किया.

‘असम के लोगों का प्यार मुझे प्रेरित करता है’

एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘असम की माटी से मेरा लगाव, यहां के लोगों का प्यार और स्नेह, खासतौर पर असम और पूरे पूर्वोत्तर की माताओं और बहनों का स्नेह मुझे लगातार प्रेरित करता है. इससे पूर्वोत्तर के विकास के लिए हमारा संकल्प और मजबूत होता है. आज असम के विकास में एक नया अध्याय जुड़ रहा है.’

पूर्वोत्तर में पहले हिंसा, आज 5G टेक्नोलॉजी- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में जहां पहले हिंसा और खून-खराबा होता था, आज वहां 4G और 5G टेक्नोलॉजी के जरिये डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंच रही है. जो जिले कभी हिंसाग्रस्त माने जाते थे, आज वे ‘आकांक्षी जिले’ के रूप में विकसित हो रहे हैं. आने वाले समय में यही इलाके इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बनेंगे. इसलिए आज नॉर्थ ईस्ट को लेकर एक नया भरोसा जगा है. पीएम ने कहा कि चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए SIR शुरू किया है कि घुसपैठियों को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा जाए, लेकिन ‘देशद्रोही’ उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

पूर्वोत्तर का विकास कांग्रेस के एजेंडे में नहीं था- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों के लिए असम और पूर्वोत्तर का विकास उनके एजेंडे में ही नहीं था. कांग्रेस की सरकारों में बैठे लोग कहते थे कि असम और पूर्वोत्तर में जाता ही कौन है? उनकी सोच थी कि असम और पूर्वोत्तर को आधुनिक एयरपोर्ट, बेहतर रेलवे और हाईवे की क्या जरूरत है. इसी सोच की वजह से कांग्रेस ने दशकों तक इस पूरे क्षेत्र की उपेक्षा की. कांग्रेस दशकों तक जो गलतियां करती रही, मोदी एक-एक करके उन गलतियां को सुधार रहा है.

‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के जरिए पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी- पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि हमने ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के जरिए पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी, और आज हम असम को भारत के ‘ईस्टर्न गेटवे’ के रूप में उभरता देख रहे हैं. असम, भारत को आसियान देशों से जोड़ने में एक ब्रिज की भूमिका निभा रहा है, और यह शुरुआत बहुत आगे तक जाएगी.

1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा यात्रियों की क्षमता

नए टर्मिनल की सालाना क्षमता 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा यात्रियों की होगी. इससे यह पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट टर्मिनल बन गया है. अधिकारियों के मुताबिक पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 5 हजार करोड़ रुपये है. इसमें से 1 हजार करोड़ रुपये रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल सुविधाओं के लिए रखे गए हैं.

बांस और ऑर्किड पर आधारित पैटर्न

अधिकारियों ने बताया कि यह एयरपोर्ट पूर्वोत्तर भारत के लिए एक बड़े विमानन केंद्र के रूप में काम करेगा और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए गेटवे बनेगा. टर्मिनल का विकास अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड ने किया है. इसके डिजाइन में बांस और ऑर्किड पर आधारित पैटर्न का इस्तेमाल किया गया है, जो असम और पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है. इस परियोजना में केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय रहा. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले टर्मिनल तक जाने वाली सड़कों के विस्तार के लिए 116.2 करोड़ रुपये मंजूर किए थे और परियोजना की सुविधाओं की समीक्षा भी की थी.

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