हेमंत शर्मा, इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इंदौर में बने एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट का लोकार्पण कर दिया है। पीएम मोदी ने वर्चुअल कार्यक्रम में एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत मध्यप्रदेश के राज्यपाल मांगू भाई पटेल, केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल हुए। बायो-सीएनजी प्लांट का लोकार्पण की जानकारी पीएम मोदी और सीएम शिवराज ने भी ट्वीट कर भी दी।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने इंदौर की की तारीफ कहा जितने अच्छे लोग होते है उतना अच्छा शहर होता है। इंदौर को आज गीले कचरे से जो बयो सीएनजी बनने का प्लांट मिला है। उसके लिए इंदौर वासियों को बधाई। मुख्यमंत्री की तारीफ पूर्व सांसद सुमित महाजन का आभार व्यक्त किया। पीएम ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम में देवी अहिल्या बाई होल्कर की मूर्ति लगाई है। इंदौर वासी जब भी दर्शन करने जाएंगे काफी खुशी आप को मिलेगी। इंदौर के गोवर्धन प्लांट देश के 75 बड़े नगर निकाय में बनने का काम किया जा रहा है। भारत को प्रदूषण मुक्त बनने के लिए किया जा रहा है

पीएम ने कहा कि गांव में हजारों की संख्या में छोटे प्लांट लगाए जाएंगे। गोवर्धन योजना याने की कचरे से कंचन बनने की जानकारी जितने ज्यादा लोगो को मिले उतना अच्छा है।  17 हजार किलो प्रति सीएनजी बनेगी और 100 किलो प्रति दिन जैविक खाद बनेगी। इससे नगर निगम की 400 बसे चलाई जा सकेगी। इस प्लांट में रोजगार भी मिलेगा।

हमारा संकल्प गली से निकलने वाले कचरे को मुक्त करना

पीएम ने कहा कि अब हमारा संकल्प है गर से गली से निकलने वाले कचरे को मुक्त करना है। आने वाले 2 तीन वषो में कचरो के पहाड़ो को ग्रीन जोन में बदलना है। इंदौर में कचरे का पहाड़ हुआ करता थी जिससे हर इंदौर वासी को परेशानी होती थी अब इसे ग्रीन जोन में बदल दिया गया है। जब शेर स्वछ होंगे तब लोग शहर में आएंगे कितने ही लोग इंदौर में स्वच्छता देखने आते है। इंदौर ने वोटर प्लस में बहु उपलब्धि हासिल की है।

पीएम ने कहा कि 2014 से सोलर पावर को बढ़ने के लिए अभियान चलाया हुआ है। देश भरके किसानों को लाखो सोलर पम्प दिए जा रहे हैं। इंदौर के लोग कूड़े को 6 हिसों में अलग अलग करते है किसी भी शहर के लोगो की ये भावना शहर को स्वच्छ बनने में मदद करता है इंदौर वासियों ने कोरोना में कितने ही लोगो का जीवन बचने में मदद की।

100 एकड़ में फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड में बना है प्लांट 

बता दें कि इंदौर में यह सीएनजी प्लांट देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड में स्थापित किया गया है। 8 साल पहले जिस स्थान पर 15 लाख मीट्रिक टन कचरे के पहाड़ थे, अब वहां कचरा प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लग चुकी है। 100 एकड़ में फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड का नया नाम अब वेस्ट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एरिया होगा। यह संयंत्र प्रधानमंत्री की वेस्ट-टू-वेल्थ की अवधारणा को साकार करने और स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचार के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यहां प्रतिदिन 550 मीट्रिक टन गीले कचरे का निपटान होगा। यह प्लांट पूरे एशिया महाद्वीप में जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी का सबसे बड़ा और देश का पहला प्लांट है।

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इस तरह होगा इस्तेमाल 

प्लांट में प्रतिदिन 550 एमटी गीले कचरे (घरेलू जैविक कचरे) को उपचारित किया जाएगा। इससे 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सीएनजी गैस और 100 टन उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट का उत्पादन होगा। इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सीएनजी में से 50 प्रतिशत गैस नगर निगम, इंदौर को लोक परिवहन की संचालित बसों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। शेष 50 प्रतिशत गैस विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को बेची जा सकेगी।

बायोगस सीएनजी प्लांट में प्रतिदिन बनने वाली सीएनजी गैस का 50% तक की सप्लाई बाजार रेट से ₹5 कम में कंपनी इंदौर नगर निगम को करेगी। जिससे इंदौर नगर निगम पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलाने में इस्तेमाल करेगा।

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