नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से संवाद किया. पीएम मोदी ने ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं को डिजिटल सर्टिफिकेट भी दिया. इस मौके पर सोमवार को पीएम मोदी ने कहा, देश के बच्चों से एक सहयोग मांग रहा हूं. मुझे विश्वास है कि मेरी बाल सेना मुझे इस काम में सफल करेगी. जैसे आप स्वच्छता अभियान के लिए आगे आए, वैसे ही ‘वोकल फॉर लोकल’ के लिए आगे आइए. सभी बच्चे घर में बैठकर लिस्ट बनाइए कि घर में जो सामान आता है, उनमें से कौन-कौन से प्रॉडक्ट्स हैं जो भारत में नहीं बने हैं. इसके बाद घर के लोगों से आग्रह करें कि भविष्य में जब भी वैसा कोई उत्पाद खरीदा जाए, तो भारत में बना हो, उसमें भारत की मिट्टी की सुगंध हो.

National Girl Child Day : कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लड़कियों को सशक्त बनाने का लिया संकल्प, कहा- ‘वे ही वास्तविक परिवर्तन निर्माता और भविष्य’

 

बच्चों से संवाद के दौरान पीएम मोदी ने बच्चों के दिल में भी जोश भरने वाली प्रेरणादायक बातचीत करते हुए कहा कि मैं पिछले साल दीवाली पर जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में गया था. वहां मेरी मुलाकात बलदेव सिंह और बसंत सिंह नाम के ऐसे वीरों से हुई, जिन्होंने आजादी के बाद हुए युद्ध में बाल सैनिक की भूमिका निभाई थीं. उन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए उतनी कम उम्र में अपनी सेना की मदद की थी. हमारे भारत का एक और उदाहरण है- गुरु गोविन्द सिंह जी के बेटों का शौर्य और बलिदान! साहिबजादों ने जब असीम वीरता के साथ बलिदान दिया था तब उनकी उम्र बहुत कम थी. भारत की सभ्यता, संस्कृति, आस्था और धर्म के लिए उनका बलिदान अतुलनीय है.

 

पीएम मोदी ने उमा भारती के बचपन का किस्सा सुनाया

इसके साथ ही पीएम मोदी ने वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती के बचपन का किस्सा सुनाया. पीएम ने कहा कि 40-45 साल पहले गुजरात में उमा व्याख्यान देने गई थीं. पीएम ने कहा कि मंच पर उन्हें देखकर मुझे लगा कि मध्य प्रदेश की जमीन में ही कुछ ऐसा है कि ऐसे-ऐसे लेाग तैयार हो जाते हैं. मध्य प्रदेश के अवि शर्मा को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है. उनसे बातचीत में पीएम मोदी ने पूछा कि आप तो लेखक हैं, बालमुखी रामायण लिखी है.. आपका बचपन बचा है या खत्म हो गया, जवाब में शर्मा ने कहा कि उन्हें पौराणिक कथाओं से प्रेरणा मिलती है. शर्मा ने लॉकडाउन के दौरान टीवी पर रामायण का री-टेलीकास्ट कराने के लिए पीएम का धन्यवाद दिया. त्रिपुरा से आने वाली पुहबी चक्रवर्ती इनोवेटर हैं. उन्होंने पीएम मोदी को बताया कि उन्होंने कोविड-19 निगरानी में मदद के लिए स्पाइरोमीटर बनाया है. इसके अलावा पुहबी ने एक ऐप बनाया है जो एथलीट्स की मदद करता है.

Punjab Election 2022: अमरिंदर सिंह ने जारी की 22 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, पटियाला से खुद चुनाव लड़ेंगे कैप्टन, जानिए कहां-कहां उतरेगी पंजाब लोक कांग्रेस

 

कर्नाटक की रमोना परेरा से प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि उन्हें डांस में दिलचस्पी कैसे पैदा हुई. रमोना ने बताया कि मां ने काफी परेशानियां उठाकर उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित किया. रमोना के पिता इस दुनिया में नहीं हैं. पीएम मोदी ने रमोना की मां को सलाम करते हुए कहा कि ‘तुम टूटे कांच पर कार्यक्रम करती हो, आग पर कार्यक्रम करती हो.. सुनकर ही डर लगता है, कैसे कर लेती हो’ रमोना ने बताया कि पहले मां ने नाचकर दिखाया फिर उन्हें सिखाया. बिहार के धीरज कुमार को ‘वीरता’ श्रेणी में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है. पीएम मोदी से बातचीत में धीरज ने बताया कि भैंस नहलाने गए थे तभी भाई को मगरमच्छ ने पकड़ लिया. धीरज ने जान की परवाह न करते हुए भाई को मगरमच्छ के चंगुल से बचाया. इस पर धीरज कुमार से प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि आपका पसंदीदा सुपरहीरो कौन हैं, तो धीरज ने किसी का नाम नहीं लिया. तो पीएम ने कहा कि आप जैसे बालक ऐसी घटनाओं में जब अपने भीतर की सारी शक्ति का उपयोग करते हुए किसी की जिंदगी बचाते हैं, तो प्रेरक बन जाते हैं. धीरज ने बताया कि वह फौज में जाना चाहता है.

 

इस साल 29 बच्चों को दिया गया राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022

वहीं चंडीगढ़ की तारुषि गौर ने कहा कि उनकी आदर्श एमसी मैरीकॉम हैं. उन्होंने कहा कि मैरीकॉम में इतनी खूबियां हैं कि बताने लगूं तो मीटिंग ही खत्म हो जाएगी. इस ब्लॉक चेन संवाद के दौरान बच्चों के साथ उनके माता-पिता और संबंधित जिलों के डीएम भी मौजूद रहे. इस साल कुल 29 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2022 के लिए चुना गया है, जबकि पिछले साल ये आंकड़ा 32 था. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत में रहने वाले बच्चों को मान्यता के रूप में दिया जाता है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत में रहने वाले 5 से 17 साल के उन बच्चों को दिया जाता है, जिन्होंने नवाचार, शैक्षिक उपलब्धि, खेल, कला-संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी जैसे 6 क्षेत्रों में असाधारण प्रदर्शन किया हो. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को पदक और 1 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाती है, साथ ही
प्रधानमंत्री पीएमआरबीपी के विजेताओं को डिजिटल सर्टिफिकेट भी दिया गया.

 

सरकार बालिकाओं के सशक्तिकरण को अत्यधिक प्राथमिकता देती है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बालिकाओं को सशक्त बनाने और नारी शक्ति को मजबूत करने को अत्यधिक प्राथमिकता देती है. ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ पर ट्वीट्स की एक श्रृंखला में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को और मजबूत करने का अवसर है. यह विभिन्न क्षेत्रों में बालिकाओं की अनुकरणीय उपलब्धियों का जश्न मनाने का भी दिन है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई हर विकास पहल में हम बालिकाओं को सशक्त बनाने और अपनी नारी शक्ति को मजबूत करने को अत्यधिक प्राथमिकता देते हैं. हमारा ध्यान बालिकाओं की गरिमा और अवसरों को सुनिश्चित करने पर है.”

 

जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस 

लड़कियों को सहायता और अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से हर साल 24 जनवरी को देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना और समाज में लड़कियों की स्थिति को बढ़ावा देना है. इस दिन को मनाने का एक अन्य उद्देश्य एक लड़की के सामने आने वाली असमानताओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और लड़कियों की शिक्षा के बारे में लोगों को शिक्षित करना है.