बीजिंग/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका के एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में भारत-चीन संबंधों पर दिए गए बयान की चीन में जमकर सराहना हो रही है। चीन ने पीएम मोदी की सकारात्मक सोच की तारीफ करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच स्थायी और सहयोगी संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हित में है।

पीएम मोदी ने भारत-चीन संबंधों पर क्या कहा?

पॉडकास्ट के दौरान भारत-चीन रिश्तों पर बोलते हुए पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि पड़ोसी देशों के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन मतभेद को विवाद में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत और चीन का सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी जरूरी है। 21वीं सदी एशिया की सदी है, जिसमें प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन विवाद नहीं होना चाहिए।”

पीएम मोदी ने ऐतिहासिक दृष्टिकोण रखते हुए कहा कि “एक समय भारत और चीन वैश्विक जीडीपी में 50% से अधिक का योगदान करते थे। हमारे गहरे सांस्कृतिक संबंध हैं और हम इन्हें भविष्य में भी मजबूत बनाए रखना चाहते हैं।”

सीमा विवाद पर पीएम मोदी का रुख

भारत-चीन तनाव पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “दो पड़ोसी देशों के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं, जैसे एक परिवार में भी होते हैं। लेकिन हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि ये मतभेद विवाद में तब्दील न हों। हम शांति और संवाद के जरिए स्थिर और सहयोगी संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

पीएम मोदी ने 2020 के बाद सीमा विवाद के चलते दोनों देशों के बीच बने गतिरोध पर कहा, “हम अब 2020 से पहले की स्थिति को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आएगी। हालांकि, इसमें कुछ समय लगेगा क्योंकि पांच साल का अंतराल हो चुका है।”

चीन ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर क्या कहा?

पीएम मोदी की इस टिप्पणी की चीन ने खुले तौर पर सराहना की है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि “हाल के वर्षों में दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति से कई सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। भारत और चीन के 2000 वर्षों के ऐतिहासिक संबंधों में दोस्ताना आदान-प्रदान और आपसी सीखने की संस्कृति रही है, जिसने दुनिया की सभ्यता और प्रगति में योगदान दिया है।”

ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी की तारीफ की

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी पीएम मोदी की भारत-चीन संबंधों पर दी गई टिप्पणी को सकारात्मक बताते हुए लिखा कि “प्रधानमंत्री मोदी का बयान भारत सरकार के संबंध सुधारने के दृष्टिकोण को दर्शाता है।”

सिंघुआ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के रिसर्च डिपार्टमेंट के निदेशक कियान फेंग के हवाले से अखबार ने लिखा कि “पीएम मोदी की टिप्पणी द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने में सहायक होगी।”

ग्लोबल टाइम्स ने यह भी लिखा कि पिछले साल रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों में सकारात्मक प्रगति हुई है। दोनों देशों ने उच्च स्तरीय सहमति को लागू किया है और सभी स्तरों पर सहयोग को मजबूत किया है।

सीमा विवाद के हल के लिए कूटनीतिक प्रयासों की जरूरत

फ्रिडमैन के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद का भी जिक्र किया। इस पर ग्लोबल टाइम्स ने विशेषज्ञ कियान के हवाले से लिखा, “भारत-चीन सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों को मिलकर प्रयास करने चाहिए और बहुस्तरीय कूटनीतिक तंत्र का उपयोग करना चाहिए ताकि निष्पक्ष और दीर्घकालिक समाधान निकाला जा सके।”

भारत-चीन संबंधों में आगे क्या?

भारत और चीन के बीच पिछले कुछ वर्षों में कई स्तरों पर मतभेद रहे हैं, लेकिन दोनों देश अब संबंधों को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी के बयान और चीन की प्रतिक्रिया से यह संकेत मिलता है कि दोनों देश आपसी सहयोग बढ़ाने और कूटनीतिक तरीकों से मतभेदों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

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