प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) इस महीने 26 जुलाई को मालदीव (maldives) की यात्रा करने की योजना बना सकते हैं. यह यात्रा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammed Muizz) के नवंबर 2023 में पदभार ग्रहण करने के बाद से उनकी पहली होगी. पीएम मोदी के मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने की संभावना है, जिसके लिए राष्ट्रपति मुइज्जू ने पिछले साल उन्हें आमंत्रित किया था. इस आमंत्रण को हाल ही में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने अपनी भारत यात्रा के दौरान दोहराया.

मालदीव-भारत संबंधों में सुधार का संकेत

यह यात्रा भारत और मालदीव के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है. मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के शासन में दोनों देशों के बीच कुछ समय के लिए तनाव उत्पन्न हुआ, खासकर मुइज्जू की ‘इंडिया आउट’ नीति और भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी की मांग के कारण. हालाँकि, हाल के महीनों में मालदीव ने भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं. पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ में परिवर्तित करने पर सहमति व्यक्त की थी. इसके अतिरिक्त, भारत ने मालदीव की वित्तीय समस्याओं का समाधान करने के लिए 30 बिलियन रुपये और 400 मिलियन डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा स्वैप समझौते के तहत सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया.

खास है स्वतंत्रता दिवस समारोह

मालदीव हर वर्ष 26 जुलाई को अपने स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाता है, जो 1965 में ब्रिटिश शासन से मुक्ति की याद दिलाता है. इस दिन राजधानी माले में भव्य परेड, राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा की प्रस्तुतियां, स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और झंडा फहराने का समारोह आयोजित किया जाता है. 2025 में मालदीव का 60वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थिति को विशेष महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि इसी वर्ष भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ भी है.

भारत-मालदीव संबंधों का रणनीतिक महत्व

मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख रणनीतिक सहयोगी है. हाल के वर्षों में मालदीव और चीन के बीच संबंधों में वृद्धि ने भारत और पश्चिमी देशों में चिंता उत्पन्न की है. फिर भी, मुइज्जू ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि मालदीव भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएगा और वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्ध है.

प्रधानमंत्री मोदी की संभावित यात्रा के दौरान भारत द्वारा समर्थित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा सकता है, जिसमें ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना प्रमुख है. यह परियोजना माले को विलिंगिली, गुल्हीफाल्हु और थिलाफुशी से जोड़ने के लिए भारत द्वारा वित्त पोषित एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा पहल है. भारत ने इस परियोजना के लिए 400 मिलियन डॉलर की ऋण सुविधा और 100 मिलियन डॉलर का अनुदान प्रदान किया है.

द्विपक्षीय संबंधों में नई गर्मजोशी

मालदीव के विदेश मंत्री खलील ने इस वर्ष भारत का तीन बार दौरा किया है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की मालदीव की इच्छा को दर्शाता है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खलील के साथ बैठक में भारत की मालदीव के विकास और प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः स्पष्ट किया. यदि यह यात्रा होती है, तो यह मुइज्जू के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव की पहली यात्रा होगी.