प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंचे, जहां 21 से 23 नवंबर तक जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है. इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की. दोनों नेताओं की बातचीत का वीडियो सामने आया है. इससे पहले दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने पीएम मोदी का जबरदस्त स्वागत किया. मोदी समिट के सभी तीन सेशन में भाषण देंगे. इस दौरान वे समावेशी विकास, जलवायु संकट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार रखेंगे.
दो दिन के समिट में 40 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष, G20 सदस्य देशों के प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भाग ले रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस बार G20 समिट में नहीं आ रहे हैं. उन्होंने इससे पीछे साउथ अफ्रीका में गोरे किसानों पर हो रहे अत्याचार को वजह बताया है.
वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी इस समिट में हिस्सा नहीं ले रहे. यूक्रेन युद्ध को लेकर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने (ICC) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. ऐसे में यहां उनकी गिरफ्तारी का डर है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी समिट में शामिल नहीं होंगे.
G20 समिट भारत के लिए क्यों खास है?
साउथ अफ्रीका में हो रही इस साल की G20 समिट भारत के लिए इसलिए खास है क्योंकि 2023 में अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने अफ्रीकन यूनियन को G20 का सदस्य बनवाया था. अब पहली बार अफ्रीका में समिट हो रही है. इसके चलते सभी अफ्रीकी देशों में भारत का सम्मान बढ़ा है. शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ अफ्रीका पहुंचने पर स्थानीय कलाकारों ने उनके सम्मान में जमीन पर लेटकर स्वागत किया.
ट्रम्प, पुतिन और जिनपिंग की गैरमौजूदगी में भारत समिट का सबसे प्रमुख चेहरा बन गया है. पीएम मोदी समिट के तीनों अहम सत्रों में आर्थिक विकास, क्लाइमेट रेजिलियंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे मुद्दों पर भारत का पक्ष रखेंगे. भारत की ग्लोबल साउथ लीडरशिप और विकासशील देशों की आवाज को मजबूती से पेश करने के लिए यह समिट बड़ा मंच साबित होगी.
साउथ अफ्रीका में विरोध प्रदर्शन
G20 समिट से पहले साउथ अफ्रीका में कई तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस का कहना है कि जोहान्सबर्ग और दूसरे शहरों में शांतिपूर्ण विरोध की इजाजत होगी. सबसे बड़ा विरोध महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा और फेमिसाइड को लेकर हुआ. ‘वूमेन फॉर चेंज’ ग्रुप ने पूरे देश में शुक्रवार को शटडाउन की अपील की. महिलाओं से कहा गया कि वे काले कपड़े पहनें और दोपहर 12 बजे 15 मिनट लेटकर उन महिलाओं को याद करें जिन्हें मारा गया है. साउथ अफ्रीका में हर दिन तीन महिलाओं की हत्या होती है.
राष्ट्रपति रामाफोसा ने इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संकट बताया, लेकिन महिला संगठन चाहते हैं कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. इसके अलावा, जलवायु और अमीरी-गरीबी की असमानता पर काम करने वाले एक्टिविस्ट्स ने G20 के खिलाफ एक अलग समिट शुरू की है. व्हाइट अल्पसंख्यक कम्युनिटी की यूनियन और एंटी-इमिग्रेशन ग्रुप भी बेरोजगारी और भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
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