नई दिल्ली। दुनिया आज द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है. ऐसे समय में पूरी दुनिया हमारे डॉक्टर, नर्स और मेडिकल असिस्टेंड को देख रही है. यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु स्थित राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कही.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले आर्थिक मुद्दों को लेकर वैश्विककरण को लेकर चर्चा हुआ करती थी, लेकिन आज चर्चा का विश्व स्वास्थ्य सुविधा है. उन्होंने कहा कि हमारे भारत जैसे विशाल देश के लिए पर्याप्त मेडिकल सुविधा जरूरी है. इसके लिए हमारा प्रयास है कि योग के साथ आयुर्वेद और सामान्य फिटनेस को महत्व दिया जाए.

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों में बढ़ोतरी की गई है. पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करेंगे. इसके अलावा टेली मेडिसीन पर उन्होंने बल देते हुए कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा में सुधार के लिए यह बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने के लिए भारत सातों दिन चौबीस घंटे जुटा हुआ है, जो विश्व के लिए तय की गई समय सीमा से पांच साल पहले है.

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारी मेडिकल कम्युनिटी और कोरोना वारियर्स की कड़ी मेहनत है. फ्रंटलाइन में काम कर रहे लोगों के खिलाफ हिंसा को अस्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र ने स्वास्थ्य सेवा में लगे लोगों के लिए नया कानून स्वीकृत किया है.

मोदी ने बताया कि एक करोड़ पीपीई किट कोरोना वारियर्स को दिया गया. वहीं 1.25 करोड़ एन-95 मास्क भारत में बने. 12 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु एप लोड किया. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने छात्रों के प्रशिक्षण की दिशा में विश्वविद्यालय के अच्छे कार्य की सराहना करने के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कर्नाटक सरकार के प्रयास को लेकर पीठ थपथपाई.