नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आठवीं किस्त जारी की है. 9.5 करोड़ लाभार्थी किसान परिवारों के लिए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की है. प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किस्त जारी की. इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री और कई सांसद भी उपस्थित थे. इस दौरान पीएम मोदी ने कुछ किसान लाभार्थियों से बातचीत भी की. इसके बाद देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सबसे पहले ईद और अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं दी.

किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त जारी

पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में भी देश के किसानों ने हमारे कृषि क्षेत्र में अपने दायित्व को निभाते हुए अन्न की रिकॉर्ड पैदावार की है. बंगाल के लाखों किसानों को आज से पहली बार किसान निधि योजना का लाभ मिलना शुरू हुआ है. उनको पहली किस्त मिल चुकी है. जैसे-जैसे राज्यों से किसानों के नाम केंद्र सरकार को मिलेंगे, वैसे वैसे लाभार्थी किसानों की संख्या और बढ़ती जाएगी.

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में भारत दुनिया कि सबसे बड़ी मुफ्त राशन की योजना चला रहा है. पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से पिछले वर्ष 8 महीने तक गरीबों को मुफ्त राशन दिया गया था. इस बार मई और जून में देश के 80 करोड़ से ज्यादा साथियों को राशन मिले, इसका प्रबंध किया गया है.

बता दें कि पीएम-किसान योजना के तहत, लाभार्थी किसान परिवारों को हर साल 6,000 रुपये भेजे जाते हैं. ये पैसे हर साल चार-चार महीनों के अंतराल पर तीन किस्तों में दिए जाते हैं. फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं. अभी तक सात किस्त मिलाकर किसानों के खातों में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं.

बिंदुवार जानें संबोधन की बातें

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा बंगाल के किसानों को पहली बार पीएम किसान सम्मान निधि की सुविधा का लाभ मिलना शुरू हुआ है.
  • आज बंगाल के लाखों किसानों को पहली किस्त पहुंची है.
  • जैसे-जैसे राज्य से किसानों के नाम केंद्र सरकार को मिलेंगे, वैसे-वैसे लाभार्थी किसानों की संख्या और बढ़ती जाएगी.
  • अभी तक इस योजना(पीएम किसान सम्मान निधि) के तहत देश के लगभग 11 करोड़ किसानों के पास करीब 1 लाख 35 हज़ार करोड़ रुपये पहुंच चुके हैं. इनमें से सिर्फ कोरोना काल में ही 60,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा पहुंचे हैं.
  • 100 साल बाद आई इतनी भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही है.
  • हमारे सामने एक अदृश्य दुश्मन है. हम अपने बहुत से करीबियों को खो चुके हैं.
  • बीते कुछ समय से जो कष्ट देशवासियों ने सहा है, वो मैं भी उतना ही महसूस कर रहा हूं.
  • इस संकट के समय में दवाईयों और जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी में भी कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के कारण लगे हुए हैं.
  • मैं राज्य सरकारों से आग्रह करूंगा कि ऐसे लोगों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए. ये कृत्य मानवता के खिलाफ है.

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