नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये सत्र भले ही छोटा हो लेकिन बेहद खास है. इस सत्र में कई ऐसे फैसले होंगे जो ऐतिहासिक होंगे और इसीलिए ये ऐतिहासिक फैसलों का सत्र होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश आत्मविश्वास से भरा है. उसी समय संसद का ये सत्र शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि ये सही है कि ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब ये बहुत बड़ा है. ऐतिहासिक निर्णयों का ये सत्र है. इस सत्र की एक विशेषता ये है कि आज 75 साल की यात्रा एक नए मुकाम पर आरंभ हो रही है. जिस मुकाम पर 75 साल की यात्रा थी वो अत्यंत प्रेरक पल, अब नए स्थान पर उस यात्रा को आगे बढ़ाते समय नए संकल्प, नई ऊर्जा और नया विश्वास और 2047 में इस देश को विकसित देश बनाकर रहना है.

पीएम मोदी ने कहा कि G20 की अभूतपूर्व सफलता, 60 से अधिक स्थानों पर विश्व भर के नेताओं का स्वागत, मंथन और ट्रू स्पिरिट में फेडरल स्ट्रक्चर का एक जीवंत अनुभव भारत की विविधता, भारत की विशेषता के साथ G20 अपने आप में एक त्योहार बन गया. कल यशोभूमि राष्ट्र को समर्पित हुआ. कल ही विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विश्वकर्मा समुदाय को ट्रेनिंग, आधुनिक टूल, आर्थिक प्रबंधन के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की गई. इस समय सारे देश में उमंग का माहौल और एक नया आत्मविश्वास हम सभी महसूस कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि छोटा सत्र है, उनका ज्यादा से ज्यादा समय मिले, उत्साह और उमंग के वातावरण में मिले. रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘कल गणेश चतुर्थी पर हम नई संसद में जाएंगे. भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ भी कहा जाता है, अब देश के विकास में कोई बाधा नहीं आएगी… ‘निर्विघ्न रूप से सारे’ ‘सपने सारे संकल्प भारत परिपूर्ण करेगा’…संसद का यह सत्र भले ही छोटा हो, लेकिन इसका दायरा ऐतिहासिक है.’