प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत 17 देशों के राजदूत शामिल हुए. यूनिवर्सिटी के उद्घाटन के साथ ही बिहार को उसकी खोयी हुई विरासत भी फिर से मिलने वाली है.   

पीएम मोदी ने उद्घाटन से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर नालंदा यूनिवर्सिटी की तस्वीरों को शेयर किया है. इसके साथ उन्होंने लिखा है, “आज हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है. आज सुबह करीब 10:30 बजे राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया जाएगा. हमारे गौरवशाली इतिहास से नालंदा का गहरा नाता है.” पीएम मोदी के जरिए शेयर की गई तस्वीरों में नालंदा यूनिवर्सिटी का गेट और उसके कैंपस को देखा जा सकता है.

प्राचीन खंडहर के करीब है नालंदा यूनिवर्सिटी

बिहार में बनकर तैयार हुआ नालंदा यूनिवर्सिटी का नया कैंपस नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के करीब है. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत की गई थी. इस अधिनियम में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए वर्ष 2007 में फिलीपीन में आयोजित दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय को लागू करने का प्रावधान किया गया है. बिहार और देशभर के छात्रों को इस यूनिवर्सिटी में कई तरह के कोर्सेज की पढ़ाई का मौका मिलेगा.

12वीं शताब्दी में नष्ट की गई थी नालंदा यूनिवर्सिटी

नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी. उस समय दुनियाभर से क्षेत्र पढ़ाई के लिए यहां पहुंचते थे. इस यूनिवर्सिटी की पहचान दुनियाभर में थी और इसे क्षेत्र के सबसे बड़े केंद्र के तौर पर देखा जाता था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने यूनिवर्सिटी को नष्ट कर दिया. इससे पहले ये 800 वर्षों तक फलती-फूलती रही और शिक्षा का केंद्र बनी रही. ऐसे में नई यूनिवर्सिटी के जरिए एक बार फिर से बिहार का गौरव लौटने वाला है.

2017 में शुरू हुआ था यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य

नई यूनिवर्सिटी ने 2014 में 14 छात्रों के साथ एक अस्थायी कैंपस में पढ़ाना शुरू किया था. यूनिवर्सिटी के निर्माण की शुरुआत 2017 में हुई. भारत के अलावा इस यूनिवर्सिटी में 17 देश भी भागीदार हैं. इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, भूटान, ब्रुनेई दारुस्सलाम, बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, लाओस, मॉरीशस, म्यांमार, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, पुर्तगाल,श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. इन देशों ने यूनिवर्सिटी के समर्थन में MOU पर साइन किए हैं.