Omar Abdullah On PM Modi & Ajmer Sharif Dargah: अजमेर शरीफ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (Khwaja Moinuddin Chishti) की दरगाह पर पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा चादर भेंट करने को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। हिंदू संगठनों ने इसपर ऐतराज जताया है। हिंदू संगठनों का कहना है कि जब तक उसके मंदिर होने का केस चल रहा है और अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, उन्हें चादर नहीं भेजनी चाहिए। मामले में अब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी कूद पड़े हैं। जम्मू-कश्मीर सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री दबाव में न आएं और चादर (ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के लिए) भेजें यही हमारी उम्मीद होगी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि धर्म को सियासत से अलग नहीं किया जा सकता। धर्म की बुनियाद पर वोट मांगे जाते हैं। सियासत की जाती है और यह हकीकत है। यह हमें मानना होगा, लेकिन प्रधानमंत्री दबाव में न आएं और चादर (ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के लिए) भेजें यही हमारी उम्मीद होगी। सिर्फ एक ही धर्म के लोग अजमेर शरीफ दरगाह नहीं जाते, जितने मुसलमान जाते हैं उससे ज्यादा गैर-मुसलमान जाते हैं। हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने की कोशिश कर रहे है। शुक्र है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है. जो भी फैसला वहां से आएगा वो सब पर लागू होगा।
इससे पहले उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में शासन का ‘हाइब्रिड मॉडल’ किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं है और जब सत्ता का एक ही केन्द्र होता है तभी तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। शासन के ‘हाइब्रिड मॉडल’ से उनका आश्य केन्द्र शासित प्रदेश होने के नाते जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पास शासन से जुड़ी अनेक संवैधानिक शक्तियां होने से है।
पीएम मोदी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू को चादर सौंपा
बता दें कि हर वर्ष की तरह इस साल भी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813 उर्स शुरू हो गया है। पीएम मोदी हर साल अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए भेजते हैं। इस वर्ष भी पीएम ने 2 जनवरी (गुरुवार) को चादर भेज दी है। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू को चादर सौंप दी है। अल्पसंख्यक मंत्री आज (3 जनवरी) निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर जाएंगे। भेंट की गई चादर को निजामुद्दीन औलिया में ले जाने के बाद अजमेर शरीफ दरगाह पर ले जाया जाएगा। पीएम मोदी ने किरेन रिजिजू को चादर सौंपने का इमेज सोशल मीडिया एक्स पर भी शेयर किया है।
हिंदू सेना ने जताया विरोध
बता दें कि संभल वाले मुद्दे के बाद अब अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर भी खूब राजनीति हो रही है। कुछ हिंदूवादी संगठन और नेता यह दावा कर रहे हैं कि अजमेर शरीफ दरगाह शिव मंदिर के ऊपर बनी है। वहीं पर पीएम मोदी 11वीं बार चढ़ने के लिए चादर भेज रहे हैं। यही कारण है कि हिंदू सेना के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने लगे हैं। इस दावे के साथ कि जब तक दरगाह और मंदिर का मामला अदालत में लंबित है, पीएम मोदी को अजमेर शरीफ दरगाह में चादर नहीं भेजनी चाहिए।
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा है कि उन्हें किसी के चादर भेजने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन संवैधानिक पद से अगर कोई चादर जाती है तो उनके केस पर सीधा असर पड़ेगा। यही कारण है कि विष्णु गुप्ता ने चिट्ठी भेज कर आग्रह किया है कि जब तक कैसे चल रहा है तब तक चादर भेजने को स्थगित कर देना चाहिए।
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