अमेरिका से बढ़े तनाव के बीच भारत का उसके सबसे पुराने और भरोसेमंद साथी रूस और अब चीन के रिश्तों में गर्माहट आती दिख रही है. तीनों देश इस वक्त अमेरिका से निपने की तैयारी में लगे हुए हैं। इस बीच खबर है कि, पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की है। ट्रम्प से टैरिफ विवाद के बीच पीएम मोदी और पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन जा रहे हैं जो बीते सात सालों में उनका पहला चीन दौरा होने वाला है. पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाने वाले हैं.

इसे लेकर चीन के प्रमुख अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि,हम प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा का स्वागत करते हैं. गौरतलब है कि, पीएम मोदी ने भी साफ कर दिया है कि भारत अपने हितों की रक्षा करेगा और इसके लिए हर कीमत चुकाने को तैयार है.

पीएम मोदी ने कहा- राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा का इंतजार कर रहा हूं..

पीएम मोदी ने X पर लिखा- मेरी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी और डिटेल बातचीत हुई। मैंने यूक्रेन के हालात पर जानकारी शेयर करने के लिए उन्हें धन्यवाद कहा। हमने अपने आपसी सहयोग बढ़ाने और भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई। मैं इस साल के अंत में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा का इंतजार कर रहा हूं।

मॉस्को में पुतिन से मिले थे NSA डोभाल

एक दिन पहले ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को मॉस्को यात्रा के दौरान क्रेमलिन में पुतिन से मुलाकात की थी। यह मुलाकात सुरक्षा, आर्थिक और ऊर्जा सहयोग पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए हुई। रूसी सरकारी मीडिया स्पूतनिक ने एक वीडियो जारी किया जिसमें डोभाल ने भारत-रूस संबंधों को “बेहद खास” बताया और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘हमारा रिश्ता बहुत खास और पुराना है। हम अपनी रणनीतिक साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। हमें राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की खबर से बहुत खुशी है। तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं।’

पुतिन इस साल भारत आएंगे

राष्ट्रपति पुतिन इस साल के आखिरी हफ्ते में भारत दौरे पर आएंगे। रूसी न्यूज एजेंसी तास ने कल यह जानकारी NSA अजीत डोभाल के हवाले से दी थी। अब पीएम मोदी से हुई बातचीत के बाद यह तय है कि पुतिन इस साल के आखिर में भारत आएंगे।

डोभाल ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात में कहा था, “अब हमारे रिश्ते बहुत खास बन गए हैं, जिनकी हम कदर करते हैं। हमारे देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी है और हम हाई लेवल पर बातचीत करते हैं।”

चीनी अख़बार ने लिखा- द्विपक्षीय संबंधों में गर्मजोशी के संकेत

पीएम मोदी की अमेरिका को दो टूक और फिर उनके चीन जाने की खबर को लेकर चीन में काफी बातें हो रही है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस खबर पर एक संपादकीय लेख लिखा है जिसमें कहा है कि दोनों देशों के बीच आ रही गर्मजोशी इस बात का संकेत है कि अमेरिका भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को प्रभावित नहीं कर सकता है.

चीनी अखबार ने लिखा, ‘चीन और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों और विवादों के बावजूद, द्विपक्षीय संबंधों में गर्मजोशी के संकेत हैं. 2020 के सीमा संघर्ष के बाद, चीन-भारत संबंधों में लंबे समय तक उतार-चढ़ाव का दौर रहा, जिसका राजनीतिक विश्वास, आर्थिक संबंधों और लोगों के बीच आदान-प्रदान पर गंभीर प्रभाव पड़ा.’

ग्लोबल टाइम्ल ने लिखा कि, ‘अक्टूबर 2024 में, कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच सफल बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों को नए सिरे से शुरू करने की नींव रखी. दोनों देशों के नेता सभी स्तरों पर इस बात से सहमत हैं कि भारत और चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि विकास का अवसर हैं, और प्रतिस्पर्धी नहीं बल्कि सहयोगी साझेदार हैं.’

पीएम मोदी के चीन दौरे की टाइमिंग पर ग्लोबल टाइम्स ने क्या कहा?

पीएम मोदी का चीन जाने की खबर ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर ठन गई है. भारत जहां अमेरिकी दबाव में झुकने को तैयार नहीं है वहीं, बौखलाए ट्रंप ने नाराजगी में भारत पर 50% का टैरिफ लगा दिया है.

इसे लेकर ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘मोदी की चीन यात्रा की खबर ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी सरकार ने भारत के सामानों पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है. कुछ पश्चिमी मीडिया संस्थानों ने मोदी की यात्रा को अमेरिका के खिलाफ बचाव करने की कोशिश के रूप में वर्णित किया है. हालांकि, उनकी यह अपनी राय है. मुक्त व्यापार की रक्षा करना और एकतरफा टैरिफ का विरोध करना आज दुनिया के अधिकांश देशों की साझा इच्छा है और भारत भी वही कर रहा है.’

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा क चीन के नजरिए से देखें तो, भारत-चीन सहयोग किसी तीसरे पक्ष को टार्गेट नहीं करता है. अखबार लिखता है, ‘चीन और भारत पड़ोसी हैं, और जिन क्षेत्रों में वे सहयोग कर सकते हैं उनकी लिस्ट लंबी है. अगर इस बार मोदी की चीन यात्रा हो पाती है, तो यह चीन और भारत के बीच सहयोग के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनेगा. एससीओ के जरिए मजबूत होता सहयोग न केवल दोनों देशों के विकास को फायदा पहुंचाएगा बल्कि क्षेत्रीय शांति और समृद्धि में भी योगदान देगा. जैसा कि हिंदुओं के बीच एक कहावत है कि अपने भाई की नाव पार लगाओ और तुम्हारी नाव किनारे तक पहुंच जाएगी.’

लेख के अंत में ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने और- ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) के साथ नाचने के एक नए चैप्टर को शुरू करने के सच्चे इरादे से हम प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा का स्वागत करते हैं.’

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