प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा करेंगे. वह राहत और पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी दिन में करीब 11 बजे कन्नूर पहुंचेंगे. फिर वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. वह राहत शिविर और अस्पताल जाकर भूस्खलन पीड़ितों से मिलेंगे.
विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो वायनाड के पूर्व सांसद हैं, ने वायनाड का दौरा करने का फैसला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद अदा किया. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि इस दौरे के बाद प्रधानमंत्री वायनाड भूस्खलन को “राष्ट्रीय आपदा” घोषित करेंगे.
राहुल गांधी ने बताया अच्छा निर्णय
राहुल गांधी ने शुक्रवार रात को X पर पोस्ट किया, “भयानक त्रासदी का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेने के लिए… वायनाड आने के लिए मोदी जी का धन्यवाद. यह एक अच्छा निर्णय है. मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री तबाही की गंभीरता को पहली बार देखेंगे, तो वे इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेंगे.”
ये है PM का पूरा शेड्यूल
PM नरेंद्र मोदी शनिवार, 10 अगस्त को सुबह 11 बजे केरल के कन्नौर पहुंचेंगे. वहां से वे वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.
इसके बाद, PM मोदी दोपहर 12:15 बजे भूस्खलन से प्रभावित जमीनी स्थानों का दौरा करेंगे. वे बचाव दलों से वर्तमान में चल रहे निकासी अभियानों के बारे में जानकारी लेंगे.
इसके बाद प्रधानमंत्री राहत शिविर और अस्पताल जाएंगे, जहां भूस्खलन से बचे लोग वर्तमान में पुनर्वास की मांग कर रहे हैं. मोदी प्रभावित लोगों से बातचीत करेंगे और उनकी शिकायतें सुनेंगे.
प्रधानमंत्री एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जहां उन्हें घटना और चल रहे राहत प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी.
400 लोगों की हो चुकी है मौत
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान PM मोदी के वायनाड दौरे की घोषणा की थी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा और गंभीर आपदा घोषित करेगी. 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में हुए भीषण भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई. भूस्खलन में 400 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई, जबकि 150 लोग अभी भी लापता हैं.
आज नहीं नहीं चलेगा सर्च अभियान
प्रधानमंत्री की यात्रा की वजह से सख्त प्रतिबंधों के कारण शनिवार को मुंडाकाई और चूरलमाला जैसे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कोई तलाशी अभियान नहीं चलाया जाएगा. जिला कलेक्टर डी.आर. मेघाश्री ने इसकी जानकारी दी है. खोज में शामिल वालेंटियर्स और अन्य लोगों को आपदा क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं है. जिला कलेक्टर ने यह भी घोषणा की कि सर्च ऑपरेशन रविवार को फिर से शुरू किया जाएगा. सर्च अभियान में 403 बॉडी पार्ट्स मिले हैं. राहत शिविरों में 10,000 से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं. जान-माल का यहां भारी नुकसान हुआ है. NDRF, SDRF, SOG और वन अधिकारियों की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं.
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