नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. इससे न केवल भारतीय बल्कि दुनिया के तमाम क्रिकेट प्रेमी निराश हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महेंद्र सिंह धोनी को पत्र लिखकर देश की इसी भावना से अवगत कराया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने महेंद्र सिंह धोनी को लिखे पत्र में कहा कि आपके जिस अंदाज में वीडियो (सन्यास का) शेयर किया है, वह पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. देश की 130 करोड़ की जनता उदास हैं, लेकिन साथ ही दिल की गहराईयों से आपके शुक्रगुजार हैं, जो आपने भारतीय क्रिकेट के लिए किया है.
आपके क्रिकेटिंग करियर को देखने का एक तरीका आंकड़े हैं. भारत को विश्व सूची में शीर्ष पर ले जाने आप सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं, इतिहास में आपका नाम दुनिया के महान बल्लेबाजों में से एक के रूप में, सबसे महान में से एक क्रिकेट कप्तान और निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में लिया जाएगा. कठिन परिस्थितियों में आपकी निर्भरता और मैच को खत्म करने का अंदाज, विशेष रूप से 2011 विश्व कप फाइनल में, पीढ़ियों तक याद किया जाएगा.
लेकिन महेंद्र सिंह धोनी का नाम केवल खेल आंकड़ों की वजह से या मैच जीताने के लिए आपकी भूमिका के रूप में लिया जाना नाइंसाफी होगी. सही मायनों में आपका प्रभाव उससे कहीं ज्यादा है. एक छोटे से शहर में विनम्र शुरुआत कर आप राष्ट्रीय परिदृश्य में उभर आए. आपने न केवल अपना नाम स्थापित किया, बल्कि उससे कहीं ज्यादा आपने देश को गौरवान्वित किया.
आपका उदय और आचरण देश के करोड़ों युवाओं को, जो अच्छे स्कूल या कॉलेज नहीं जा पाएं, न ही वे प्रभावशाली परिवार से जुड़े हुए थे. लेकिन अपनी प्रतिभा के बल पर उच्चतम स्तर पर अपनी पहचान बनाई. आप नए भारत के एक महत्वपूर्ण दृष्टांतों में से एक हैं, जहां परिवार का नाम से युवा लोगों का भविष्य तय नहीं होता लेकिन वे अपना नाम खुद बनाते हैं और नियति तय करते हैं.
आप कहां से आते हैं यह मायने नहीं रखता जब तक हमें यह पता नहीं हो कि आप किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, और इस भावना से आप आगे बढ़े और बहुत से युवाओं को प्रेरित किया.
खेल के मैदान में आपके यादगार पल भारतीयों के एक विशेष पीढ़ी को प्रेरित किया है. भारतीयों की यह पीढ़ी जोखिम उठाने से कतराती नहीं और एक–दूसरे की क्षमताओं को कठिन परिस्थितियों में भी साथ देने से नहीं चूकती है. जैसा कि आपने को मैच में कठिन दौर में कम जानकार युवा पर भी भरोसा जताकर साबित किया. वर्ष 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल इसका सबसे उपयुक्त उदाहरण है.
भारतीयों की यह पीढ़ी निर्णायक अवसरों पर भी हार नहीं मानती, जैसा की हमने आपके कई खेलों और पारियों में देखा है. हमारे युवा विपरित परिस्थितियों में भी दिल छोटा नहीं करते हैं, और उसी तरह से निडर रहते हैं, जिस तरह से आपने अपनी टीम का नेतृत्व किया है.
आप भले ही कोई भी हेयर स्टाइल रखें, लेकिन हार और जीत के दौरान सिर को ठंडा रखा, जो सभी युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है. इसके अलावा मैं आपके भारतीय सेना के साथ विशेष जुड़ाव का जिक्र करना चाहूंगा. आप सेना के जवानों के बीच सबसे ज्यादा खुश रहे. उनकी भलाई के लिए आपकी चिंता विशेष है.
मैं उम्मीद करता हूं कि साक्षी और जिवा को आपके साथ समय बिताने के लिए और समय मिलेगा. मैं उनको भी शुभकामनाएं देता हूं, क्योंकि उनके बलिदान और समर्थन के बिना कुछ भी संभव नहीं था. हमारे युवाओं को भी आपसे सीख सकें कि किस तरह से व्यक्तिगत जीवन और व्यावसायिक प्राथमिकताओं में संतुलन बनाना चाहिए. मुझे वह तस्वीर याद है कि जिसमें आप अपनी प्यारी बेटी के साथ खेल रहे थे, जबकि आपके आसपास के लोग एक खास टूर्नामेंट में जीत का जश्न मना रहे थे. वह यादगार है एमएस धोनी
आपके भविष्य की योजनाओं के लिए आपको बधाई…