नई दिल्ली। संसद पर 22 साल पहले हुए आतंकी हमले की बरसी पर फिर हुई सुरक्षा में चूक पर विपक्ष हमलावर है. गृह मंत्री अमित शाह से संसद में बयान की मांग करते हुए कार्यवाही को बाधित किए हुए है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने घटना को चिंताजनक बताते हुए इसकी गहराई में जाना जरूरी करार दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक हिंदी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि संसद में जो घटना हुई, उसकी गंभीरता को जरा भी कम नहीं आंकना चाहिए. इसलिए स्पीकर महोदय पूरी गंभीरता के साथ आवश्यक कदम उठा रहे हैं. जांच एजेंसियां सख्ती से जांच कर रही हैं. इसके पीछे कौन-से तत्व हैं और उनके मंसूबे क्या हैं. इसकी गहराई में जाना भी उतना ही जरूरी है. एक मन से समाधान के रास्ते भी खोजने चाहिए. ऐसे विषयों पर वाद-विवाद या प्रतिरोध से सभी को बचना चाहिए.

आरोपियों के खिलाफ लगा UAPA

इस बीच संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में मुख्य आरोपी ललित झा ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है. शुरुआती तौर पर आठ सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.