नई दिल्ली। राज्यसभा में आज पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई बहस के बाद संबोधित कर रहे हैं. आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है, भारत से अपेक्षा है. विश्वास है कि भारत ये कर लेगा तो अच्छा होगा. महाकवि मैथलीशरण गुप्त की कविता पढ़ते हुए कहा कि- अवसर तेरी लिए खड़ा है, फिर तू चूपचाप पड़ा है, तेरा कर्म क्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखे खोल…

आज अगर इस कविता को आधुनिक भारत के लिए बोला जाए तो इस प्रकार होगा- अवसर तेरी लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा, हर बंधिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़…

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट आया, तो दुनिया भारत के लिए चिंतित थी. कहा कि अगर भारत खुद को नहीं संभाल पाया तो दुनिया के लिए संकट होगा. भारत ने अपने देश के नागरिकों की रक्षा करने के लिए एक अज्ञात दुश्मन से जंग लड़ी. लेकिन आज दुनिया इस बात पर गर्व कर रही है कि भारत ने ये लड़ाई जीती है. ये लड़ाई किसी सरकार या व्यक्ति ने नहीं जीती, लेकिन हिंदुस्तान को तो इसका क्रेडिट जाता है. भारत कम समय में वैक्सीन लेकर आया.  दुनियो को भारत के डॉक्टरों पर भरोसा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में एक बूढ़ी महिला ने झोपड़ी के बाहर दीया जलाया, लेकिन उसका भी मजाक उड़ाया गया. विपक्ष ऐसी बातों में ना उलझे, जिनसे देश के मनोबल को चोट पहुंचे.