नेपाल में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. पीएम ओली के इस्तीफे का बावजूद वहां के लाखों छात्र और युवा सड़कों पर हैं. उन्होंने संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट को भी आग के हवाले कर दिया है. नेपाल में इसे Gen Z आंदोलन नाम दिया गया है. प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ देश के पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल के घर पर हमला बोला और आग लगा दी. इस घटना में खनाल की पत्‍नी राज्‍यलक्ष्‍मी चित्रकार को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया. वह बुरी तरह से जल गई थीं और उनकी मौत हो गई है. इस बीच पड़ोसी देश में जारी हिंसा को लेकर भारत के प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने नेपाल चल रही हिंसा पर चिंता जताई है। उन्होंने X पोस्ट जारी कर लिखा है कि, वे युवाओं की मौत से बेहद दुखी हैं। बता दें कि, नेपाल में चल रही इस हिंसा में अबतक 23 छात्रों की मौत हो चुकी है.

प्रदर्शनकारियों ने जेलों पर किया हमला, 900 कैदी फरार

बता दें कि, नेपाल के कास्का जेल पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला बोल दिया है। उन्होंने जेल तोड़कर जेल से कैदियों को आजाद कर दिया है। बिना सोचे समझे किए गए प्रदर्शनकारियों की इस हरकत की वजह से नेपाल की इस जेल में बंद 900 खूंखार कैदी फरार हो गए हैं। इस बीच सेना ने प्रदर्शनकारियों को अल्टिमेटम दे दिया है।

सेना का प्रदर्शनकारियों को अल्टिमेटम

नेपाली सेना ने जेन-जेड (जनरेशन-जेड) विरोध प्रदर्शनों के बीच नेपाली सेना ने बयान जारी किया है। अपने लिखित बयान में नेपाली सेना ने प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने की अपील की है। सेना ने दोहराया है कि वह नेपाल के लोगों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सेना ने सभी नागरिकों से स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए संयम बरतने का आग्रह किया। नेपाली सेना का यह बयान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे और उनके देश छोड़कर भागने की अटकलों के बाद आया है। नेपाल में कई बड़े राजनेताओं के घरों पर भी हमले हुए हैं और उनके साथ मारपीट भी की गई है।

नेपाली सेना ने हिंसा पर जताया दुख

एक आधिकारिक बयान में, नेपाली सेना ने कहा, “नेपाली सेना कठिन परिस्थितियों में भी नेपाल की स्वतंत्रता, संप्रभुता, भौगोलिक अखंडता, स्वाधीनता, राष्ट्रीय एकता और नेपाली जनता के जीवन व संपत्ति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है। नेपाली सेना नेपाल में वर्तमान में चल रहे “जेन-जी” आंदोलन के घटनाक्रम का विश्लेषण कर रही है। इस आंदोलन के दौरान हुई जान-माल की अपूरणीय क्षति पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, नेपाली सेना दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करती है और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना एवं सहानुभूति व्यक्त करती है। साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना करती है।”

लोगों से शांति की अपील की

बयान में आगे कहा गया है, “नेपाल एवं नेपाली जनता के कल्याण एवं सुरक्षा हेतु सदैव समर्पित नेपाली सेना, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, नेपाल एवं नेपाली जनता के जीवन एवं संपत्ति की रक्षा हेतु कटिबद्ध है। इस कठिन परिस्थिति में, देश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, पुरातात्विक एवं राष्ट्रीय सम्पदा की रक्षा करना हम सभी का साझी जिम्मेदारी है। अत नेपाली सेना समस्त युवा जनशक्ति एवं देशवासियों से विनम्र अनुरोध करती है कि वे सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रीय एकता बनाए रखते हुए संयम बरतें ताकि वर्तमान स्थिति और जटिल न हो।”

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