नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को असम दौरे पर रहे. वे यहां ‘शांति, एकता और विकास रैली’ में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. अपने इस अल्प प्रवास के दौरान प्रदेश को करोड़ों की सौगात लेकर आए हैं. पीएम कार्बी आंगलोंग जिले के दीफू में अमृत सरोवर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. साथ ही 7 नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला भी रखी जानी है. इससे पहले प्रधानमंत्री ने कार्बी आंगलोंग में मांजा पशु चिकित्सा महाविद्यालय, वेस्ट कार्बी आंगलोंग कृषि महाविद्यालय, अम्पानी वेस्ट कार्बी आंगलोंग गवर्नमेंट कॉलेज सहित कई योजनाओं की आधारशिला रखी.

500 करोड़ रुपये से ज्यादा की ये परियोजनाएं क्षेत्र में कौशल विकास और रोजगार के नए अवसर लाएंगी. पीएम मोदी 2950 से ज्यादा अमृत सरोवर परियोजनाओं की आधारशिला भी रखने वाले हैं. राज्य में इन अमृत सरोवरों को लगभग 1150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा.

लचित बोरफुकान को किया प्रणाम

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि ‘ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जन्मजयंति भी मना रहे हैं. उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है. कार्बी आंगलोंग से देश के इस महान नायक को मैं नमन करता हूं.’

डबल इंजन की सरकार

पीएम ने कहा कि ‘डबल इंजन की सरकार, जहां भी हो वहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करती है. आज ये संकल्प कार्बी आंगलोंग की इस धरती पर फिर सशक्त हुआ है. असम की स्थाई शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको ज़मीन पर उतारने का काम तेज़ी से चल रहा है.’

जनभागीदारी पर आधारित होगा निर्माण

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज असम में भी 2600 से ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का काम शुरु हो रहा है. सरोवरों का निर्माण पूरी तरह से जनभागीदारी पर आधारित है. ऐसे सरोवरों की तो जनजातीय समाज में एक समृद्ध परंपरा रही है. इससे गांवों में पानी के भंडार तो बनेंगे ही, इसके साथ-साथ ये कमाई के भी स्रोत बनेंगे.

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नॉर्थ-ईस्ट में मुश्किलें कम हो रही हैं

मोदी ने कहा कि ‘2014 के बाद से नॉर्थ-ईस्ट में मुश्किलें कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है. आज जब कोई असम के जनजातीय क्षेत्रों में आता है, नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में जाता है, तो हालात को बदलते देखकर उसे भी अच्छा लगता है.’ उन्होंने आगे कहा कि असम के अलावा त्रिपुरा में भी NLFT ने शांति के पथ पर कदम बढ़ाए गए हैं. करीब ढाई दशक से जो ब्रू-रियांग से जुड़ी समस्या चल रही थी, उसको भी हल किया गया.

AFSPA को हमने हटाया- पीएम

पीएम ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में कार्बी आंगलोंग के अनेक संगठन शांति और विकास के संकल्प से जुड़े. 2020 में बोडो समझौते ने स्थाई शांति के नए द्वार खोले गए. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक Armed Forces Special Power Act (AFSPA) नॉर्थ ईस्ट के अनेक राज्यों में रहा है. लेकिन बीते 8 सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है.

विकास की आकांक्षाओं को मिलेगा बल

प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है. असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों को भी प्रोत्साहित करेगी. इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास की आकांक्षाओं को बल मिलेगा. 

सांस्कृतिक धरोहर के मामले में असम समृद्ध

उन्होंने आगे कहा कि ‘जनजातीय समाज की संस्कृति, यहां की भाषा, खान-पान, कला, हस्तशिल्प, ये सभी हिंदुस्तान की समृद्ध धरोहर है. असम तो इस मामले में और भी समृद्ध है. यही सांस्कृतिक धरोहर भारत को जोड़ती है, एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव को मज़बूती देती है. आजादी के इस अमृतकाल में कार्बी आंगलोंग भी शांति और विकास के नए भविष्य की तरफ बढ़ रहा है. अब यहां से हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना है.