नई दिल्ली। अब आप देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी जानकारी को एक ही जगह पर देख सकते हैं. इसके लिए आपको तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय जाना पड़ेगा. तीन मूर्ति भवन को अब तक नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी के तौर पर जाना जाता था, लेकिन अब यहां के प्रधानमंत्री संग्रहालय में आपको देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी जानकारी मिलेगी और साथ ही यह भी पता चलेगा कि राष्ट्र निर्माण में उनकी क्या भूमिका रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान की जानकारी देने वाले प्रधानमंत्री संग्रहालय का गुरुवार को उद्घाटन कर देशवासियों को समर्पित कर दिया. उन्होंने स्वयं भी टिकट खरीद कर संग्रहालय का भ्रमण किया. यह संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के माध्यम से लिखी गई भारत की गाथा का वर्णन करता है.

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संग्रहालय के भवन का डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित

संग्रहालय के भवन का डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है, जिसे इसके नेताओं के हाथों से आकार दिया और ढाला गया है. डिजाइन में दीर्घकालिक और ऊर्जा संरक्षण से जुड़ी तकनीक को भी शामिल किया गया है. परियोजना पर कार्य के दौरान न तो किसी वृक्ष को काटा गया है और न ही प्रतिरोपित किया गया है. संग्रहालय का लोगो राष्ट्र और लोकतंत्र के प्रतीक धर्म चक्र को धारण करने वाले भारत के लोगों के हाथों का प्रतिनिधित्व करता है. पुराने और नए के सहज मिश्रण का प्रतिनिधित्व करते हुए संग्रहालय ब्लॉक 1 के रूप में नामित तत्कालीन तीन मूर्ति भवन को ब्लॉक 2 के रूप में नामित नवनिर्मित भवन के साथ एकीकृत किया गया है. दो ब्लॉकों का कुल क्षेत्रफल 15,619 वर्ग मीटर है. संग्रहालय में कुल 43 गैलरी हैं और इस पर कुल 306 करोड़ रुपये की लागत आई है. स्वतंत्रता संग्राम के प्रदर्शन से शुरू होकर संविधान के निर्माण तक यह संग्रहालय इस गाथा को सुनाता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद देश को नई राह दी और देश की सर्वांगीण प्रगति को सुनिश्चित किया.

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प्रधानमंत्रियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को एक विषयगत प्रारूप के रूप में दिखाया गया

संग्रहालय के लिए जानकारियों को प्रसार भारती, दूरदर्शन, फिल्म प्रभाग, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी), विदेशी समाचार एजेंसियों जैसे संस्थानों के संसाधनों/संग्राहकों के माध्यम से एकत्र किया गया. अभिलेखागार के उचित उपयोग (संग्रहित कार्य और अन्य साहित्यिक कार्य, महत्वपूर्ण पत्राचार), कुछ व्यक्तिगत वस्तुएं, उपहार और यादगार वस्तुएं (सम्मान पत्रों, सम्मान, प्रदान किए गए पदक, स्मारक टिकट, सिक्के, आदि), प्रधानमंत्रियों के भाषण और विचारधाराओं के उपाख्यानात्मक प्रतिनिधित्वों एवं प्रधानमंत्रियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को एक विषयगत प्रारूप में दर्शाया गया है.

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अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित इंटरफेस शामिल

संग्रहालय ने विषय-वस्तुओं में विविधता और इनके प्रदर्शन को निरंतर रूप से नया रंग देने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित इंटरफेस को शामिल किया गया है. होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टीमीडिया, इंटरैक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लीकेशन, इंटरैक्टिव स्क्रीन, अनुभवात्मक इंस्टॉलेशन प्रदर्शनी सामग्री को अत्यधिक संवादात्मक और आकर्षक रूप प्रदान करते हैं. संग्रहालय में संवादात्मक और आकर्षक तरीके से विषय वस्तुओं की प्रस्तुति के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित तकनीक को शामिल किया गया है.

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देश के प्रति प्रधानमंत्रियों के योगदानों को श्रद्धांजलि

राष्ट्र निर्माण की दिशा में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता से निर्देशित प्रधानमंत्री संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद से भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री की विचारधारा अथवा कार्यकाल से इतर देश के प्रति उनके योगदानों के लिए एक श्रद्धांजलि है. यह एक समावेशी प्रयास है, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को देश के सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि और उपलब्धियों के प्रति संवेदनशील बनाना और प्रेरणा देना है.

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